कोविड ही नहीं, साइबर सुरक्षा के लिए भी SBI का NFC कार्ड

SBI: NFC से लैस कार्ड में कॉन्टेक्टलेस ट्रांजैक्शन एक खास फीचर है. साथ ही इसमें हर दिन और हर ट्रांजैक्शन की सीमा तय कर सकते हैं

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ये ऑफर सिर्फ क्रे‍डिट स्‍कोर लिंक्‍ड लोन स्कीम के तहत दिया जाएगा.

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जब दुनिया में सब डिजिटल हो रहा है तो फिशिंग और स्पूफिंग सबसे आम शब्द बनते जा रहे हैं जो हर दिन लोगों को सुनने को मिल रहे हैं. देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों को ना सिर्फ ऐसे फ्रॉड के प्रति आगाह किया है बल्कि, ग्राहकों के लिए ऐसे प्रोडक्ट भी लाएं हैं जिससे वे खुद को साइबर अटैक से बचा सकते हैं.

SBI ने हाल ही में अपने ग्राहकों के लिए एनएफसी (NFC) यानी नियर फील्ड कम्यूनिकेशन डेबिट कार्ड लॉन्च किया है. ये है तो सामान्य चिप वाला प्लास्टिक कार्ड लेकिन इसके साथ ही इसमें एडवांस एनएफसी टेक्नोलॉजी के जरिए बेहतर सुरक्षा भी दी जा रही है.

ग्राहकों की जरूरत को दी प्राथमिकता

NFC से लैस कार्ड में कॉन्टेक्टलेस ट्रांजैक्शन एक खास फीचर है. ऐसे समय में जब देश में महमारी का संकट फैला हुआ है और सोशल डिस्टेंसिंग वक्त की जरूरत है तब ये कार्ड इस फीचर के जरिए लोगों की संपर्क में आने से बचा रहे है जो बाद में दिक्कत खड़ी कर सकता है.

इसके साथ ही इस कार्ड से रिमोर्ट मीडियम से एक बार में केवल 2000 रुपये का ही ट्रांजेक्शन हो पाएगा.

कैसे करेगा काम?

NFC को चालू या बंद करने के लिए ग्राहक को इन स्टेप्स का पालन करना होगा.

ग्राहक को SBI के ई-सर्विस कॉर्नर पर विजिट करना होगा. ग्राहक एटीएम कार्ड लिमिट, इस्तेमाल में कोई बदलाव की सर्विस चालू या बंद इंटरनेट बैंकिंग के जरिए भी कर सकते हैं.

कैश ट्रांजेक्शन की सीमा के साथ ही इसमें आप दिनभर की सीमा भी तय कर सकते हैं. आप एक दिन में अधिकतम 10,000 रुपये की सीमा तय कर सकते हैं, और एक ट्रांजेक्शन में अधिकतम सीमा 2,000 रुपये तक रख सकते हैं.

क्या है NFC कार्ड?

NFC डाटा ट्रांसफर करने के लिए रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करता है. टैप-टू-पे भी इस NFC के जरिए ही बिना किसी तार के पेमेंट ट्रांजमिट करता है.

NFC सुविधा फिलहाल चुनिंदा SBI डेबिट कार्ड पर ही है जिसे ग्राहक अपने मुताबिक इंटरनेट बैंकिंग के जरिए चालू या बंद कर सकते हैं. एक्टिवेट करने के बाद ग्राहक टैप एंड पे फीचर का इस्तेमाल पॉइंट ऑफ सर्विस मशीन पर कर सकते हैं.

पेमेंट की जानकारी एन्क्रिप्टेड फॉर्मेट में साझा होती है जिससे ट्रांजेक्शन पूरी तरह सुरक्षित होता है.

Published - June 12, 2021, 03:08 IST