कोरोना काल में डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ा है. इसी के साथ देश में ऑनलाइन धोखाधड़ी भी बढ़ रही है. ऐसे में देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने ग्राहकों को केवाईसी धोखाधड़ी के प्रति सचेत किया है. यह धोखाधड़ी का नया तरीका है जो केवाईसी सत्यापन की आड़ में किया जाता है. इसके लगातार मामले सामने आ रहे हैं.
एसबीआई (SBI) ने ट्वीट करके बताया है कि “केवाईसी धोखाधड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसका जाल पूरे देश में फैला हुआ है. जालसाज आपके व्यक्तिगत विवरण प्राप्त करने के लिए बैंक / कंपनी के प्रतिनिधि होने का नाटक करते हुए एक मैसेज भेजता है. इसमें आपसे आपकी निजी जानकारियां मांगी जाती हैं. ऐसा मैसेज आने पर बेहद सावधान रहें.
KYC fraud is real, and it has proliferated across the country. The fraudster sends a text message pretending to be a bank/company representative to get your personal details. Report such cybercrimes here: https://t.co/3Dh42ifaDJ#SBI #StateBankOfIndia #CyberCrimeAlert #StaySafe pic.twitter.com/VpODvKp1FD
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) June 15, 2021
बैंक ने ग्राहकों को ऐसे सभी मामलों की सूचना साइबर अपराध विभाग को देने की सलाह दी है. एसबीआई के मुताबिक, कोई भी अपनी शिकायत https://www.cybercrime.gov.in/ या स्थानीय पुलिस के माध्यम से दर्ज करा सकता है.
वहीं अपने खाते से अनधिकृत लेनदेन के किसी भी मामले में, ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे टोल-फ्री कस्टमर केयर नंबर 18004253800 या 1800112211 पर तुरंत रिपोर्ट करें.
एसबीआई ने इन जालसाजों से बचने के लिए 3 सुरक्षा उपाय बताए हैं. इसमें पहला है कि आपको भेजे गए किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले सोंचे. लिंक पर क्लिक करने से पहले उसे अच्छी तरह जांच लें. दूसरा कि बैंक कभी भी केवाईसी अपडेट करने के लिए कोई लिंक नहीं भेजता है. तीसरा, अपना मोबाइल नंबर और गोपनीय डेटा किसी के साथ साझा न करें, चाहे आपसे बात कर रहा दूसरा पर्सन आपका कितना भी जानने वाला क्यों न हो.
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ रीत्विका बनर्जी ने मनी 9 को बताया कि “किसी भी लिंक पर क्लिक न करें, चाहे वह ईमेल, एसएमएस या व्हाट्सएप के माध्यम से आए, जब तक कि आप भेजने वाले को नहीं जानते हैं. यहां तक कि अगर आप लिंक पर क्लिक करते हैं, या तो दुर्घटना से या जानबूझकर, एक पल के लिए रुकें और आगे की कार्रवाई करने से पहले वेबसाइट के यूआरएल की जांच करें, ”
भारत में ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. हाल ही में केंद्रीय मंत्री संजय धोत्रे ने संसद में कहा कि 2019-20 में बैंकों ने एटीएम-डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग से संबंधित 244 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की सूचना दी.
साइबर सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर कंपनी नॉर्टन लाइफलॉक की एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में करीब 2.7 करोड़ भारतीय वयस्क साइबर चोरी के शिकार हुए हैं. 2020 में, साइबर अपराध के कारण वैश्विक नुकसान $6 ट्रिलियन था, जो कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद और बीएसई में सभी कंपनियों के संचयी मार्केट कैप से अधिक है.