पैसों के लिए क्‍यूं भटकना, Salary Overdraft की सुविधा है ना

Salary Overdraft: सैलरी ओवरड्रॉफ्ट एक तरह से लोन ही होता है. इसमें आप अपने अकाउंट बैलेंस से ज्यादा पैसे निकाल सकते हैं.

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Salary Overdraft: अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो ये खबर आपके काम की है. कई बार ऐसा होता है कि आपको अचानक से पैसों की जरूरत होती है और आपके पास फंड का अभाव है. ऐसे में अगर आप पर्सनल लोन के लिए भी अप्लाई करेंगे तो 2-3 दिनों का वक्त लग सकता है. इन परिस्थितियों में आपको इंस्टेंट लोन की जरूरत होती है. अगर आप नौकरी करते हैं तो बैंक अपने ग्राहकों को सैलरी ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा देता है जिसके तहत आपको कुछ मिनट के भीतर पैसा मिल जाता है. इसे Salary Overdarft कहते हैं.

सैलरी ओवरड्रॉफ्ट एक तरह से लोन

सैलरी ओवरड्रॉफ्ट एक तरह से लोन ही होता है. इसमें आप अपने अकाउंट बैलेंस से ज्यादा पैसे निकाल सकते हैं. यह सुविधा सरकारी और प्राइवेट, दोनों बैंक देते हैं लेकिन इसको लेकर नियम और शर्तें अलग-अलग होती हैं.

बैंक के साथ आपका संबंध कैसा है, आपकी सैलरी कितनी है और सिबिल स्कोर कितना अच्छा है, इन तमाम बिंदुओं के आधार पर बैंक आपको ओवरड्रॉफ्ट लिमिट प्रदान करता है.

यह ओवरड्रॉफ्ट प्री-अप्रूव्ड होता है और इसकी एक लिमिट होती है. लिमिट तक पैसा आप किसी भी वक्त मिनटों में निकाल सकते हैं. इन पैंसों से आप मेडिकल इमरजेंसी, EMI, चेक बाउंस, SIP बाउंस जैसी घटनाओं से बच सकते हैं. ओवरड्रॉफ्ट सुविधा के लिए हर बैंक के अपने-अपने नियम होते हैं.

2-3 गुना तक ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा

कुछ बैंक आपकी मंथली सैलरी का 2-3 गुना तक ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा देते हैं. वहीं कुछ बैंक एक महीने की सैलरी का 80-90 फीसद तक ही यह सुविधा देते हैं.

कुछ बैंक के लिए ओवरड्रॉफ्ट कैप के नियम पर काम करते हैं. इसकी मैक्सिमम लिमिट 4-5 लाख रुपए तक हो सकती है. कुछ बैंकों के लिए यह कैप 1-1.5 लाख रुपए तक होता है.

कुछ बैंक आपकी मंथली सैलरी के आधार पर यह सुविधा देते हैं तो कुछ बैंक हर ग्राहक के लिए एक लिमिट तय करता है.

इंट्रेस्ट रेट पर्सनल लोन के मुकाबले ज्यादा

ओवरड्रॉफ्ट एक तरह से इंस्टैंट लोन की तरह ही है. इसके लिए आपको इंट्रेस्ट का भी भुगतान करना होता है. हालांकि सैलरी ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा का इस्तेमाल करने से पहले कुछ और पहलुओं को भी ध्यान में रखना जरूरी होता है.

जैसे, अगर आप इस सुविधा का इस्तेमाल करते हैं तो प्रोसेसिंग फीस भी लगती है. इंट्रेस्ट रेट पर्सनल लोन के मुकाबले ज्यादा होता है.

एक और बात ध्यान देने वाली है कि ओवरड्रॉफ्ट का रीपेमेंट ईएमआई की तरह नहीं होता है. आप धीरे-धीरे इसे चुका सकते हैं और इंट्रेस्ट केवल उतने अमाउंट पर लगता है जितना आपने अवेल किया है.

Published - August 21, 2021, 02:18 IST