Recurring Transactions: पेमेंट, मर्चेंट और बैंकिंग इकोसिस्टम के इंडस्ट्री प्लेयर्स को डर है कि 50 से 60 प्रतिशत आवर्ती लेनदेन (Recurring Transactions) 1 अक्टूबर को विफल हो सकते हैं. इसकी वजह आवर्ती भुगतान पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बदलाव लागू होना है. कई बैंकों ने नए नियमों को लेकर ग्राहकों को संदेश भेजे हैं. बिजनेस स्टैंडर्ड ने उद्योग के सूत्रों के हवाले से कहा कि समय सीमा के विस्तार से व्यापार में संभावित व्यवधान को रोका जा सकता है.
कई कंपनियों और बैंक के अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अगर आरबीआई विस्तार नहीं देता है, तो पूरी भुगतान प्रणाली (payment system) को सुचारू रूप से काम करने में कम से कम तीन महीने लगेंगे.
एक अधिकारी ने कहा, ‘भारत में लाखों ट्रांजैक्शन डिक्लाइन हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अल्पावधि में वित्तीय गड़बड़ी के साथ-साथ वस्तुओं और सेवाओं की डिलीवरी प्रभावित हो सकती है.’
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन (स्थायी निर्देश) प्रभावित होंगे. उन्होंने कहा सभी मौजूदा स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन विफल हो जाएंगे और ग्राहकों को मैन्युअल रूप से भुगतान करना होगा.
जहां बैंक दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं, वहीं अधिकांश काम मर्चेंट और कार्ड नेटवर्क को करना है.
HDFC बैंक के अनुसार, अमेजन-प्राइम, नेटफ्लिक्स, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, गूगल इंडिया, हॉटस्टार, पॉलिसीबाजार, फेसबुक और बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस वर्तमान में एचडीएफसी बैंक डेबिट और क्रेडिट कार्ड पर मर्चेंट स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन के लिए उनके साथ लाइव हैं.
इसके अलावा, कार्ड कंपनियों में आरबीआई दिशानिर्देशों के अनुसार मर्चेंट स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन को रजिस्टर करने के लिए केवल वीज़ा कार्ड सक्षम हैं.
उद्योग के सूत्रों ने कहा कि ट्रांजैक्शन के फेल होने से ग्राहकों पर असर पड़ेगा. नए ग्राहकों को स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन में भी देरी का सामना करना पड़ सकता है.
हालांकि, कुछ कंपनियां आशावादी हैं. चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर और फिनटेक यूनिकॉर्न रेजरपे के को-फाउंडर शशांक कुमार ने कहा कि आवर्ती भुगतान पर आरबीआई के दिशा निर्देश डिजिटल भुगतान को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक कदम है.
पेयू के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर मानस मिश्रा ने कहा, ‘पेयू मर्चेंट और इश्यूअर्स के साथ काम कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ट्रांसफर परेशानी मुक्त हो.’
HDFC बैंक, KOTAK MAHINDRA बैंक, AXIS बैंक, SBI और ICICI बैंक सहित लगभग सभी शीर्ष बैंक ने कहा कि वे आरबीआई के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे.’