RBI: भारतीय रिजर्व बैंक ने कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित लोगों और सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यमों (MSME) को एक बार फिर लोन रीस्ट्रक्चरिंग की राहत दी है.
शुक्रवार को मौद्रिक नीति के ऐलान करते हुए रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने लोन रीस्ट्रक्चरिंग 2.0 का दायरा बढ़ाते हुए इसे 50 करोड़ रुपये कर दिया है. यानी, अब 50 करोड़ रुपये तक के कर्ज वाले लोग बैंकों से रीस्ट्रक्चरिंग का फायदा उठा सकेंगे.
दायरा बढ़ाया
RBI गवर्नर ने कहा है, “रेजॉल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 के तहत ज्यादा कर्जदारों को राहत देने के लिए ये तय किया गया है कि इस स्कीम के तहत MSME, नॉन-MSME स्मॉल बिजनेस और इंडीविजुअल्स के कारोबारी मकसद से लिए गए लोन्स की सीमा को 25 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये किया जा रहा है.”
मौजूदा रेजॉल्यूशन फ्रेमवर्क के तहत रीस्ट्रक्चरिंग की प्रक्रिया 30 सितंबर 2021 तक पूरी करनी होगी और इसे इसके 90 दिन के भीतर लागू करना होगा.
पिछले हफ्ते इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) ने कहा था कि सरकारी बैंकों ने रेजॉल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 के तहत लोन्स की रीस्ट्रक्चरिंग के लिए एक टैंपलेट तैयार कर लिया है.
शुक्रवार को ऐलान की गई मौद्रिक नीति में रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 4 फीसदी के साथ कोई बदलाव नहीं किया है.
RBI के अहम फैसले
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को क्रेडिट पॉलिसी ऐलान में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार रखा गया है और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर कायम रहेगी. हालांकि, RBI ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ अनुमान 10.5 फीसदी से घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है.
2 जून से 4 जून के बीच हुई मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में सभी सदस्यों ने दरों में बदलाव ना करने के पक्ष में हामी भरी है. कमिटी ने एकोमोडेटिव स्टांस जारी रखने का फैसला लिया है.
ये लगातार छठी बार है जब रिजर्व बैंक ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.