RBI: अब RTGS और NEFT के लिए नहीं रहना पड़ेगा बैंक पर निर्भर

RBI के मुताबिक अब गैर-बैंकिंग संस्थाएं भी RTGS और NEFT जैसी सेंट्रलाइज्ड पेमेंट सिस्टम (CPS) की सुविधाएं लोगों को दे पाएंगी.

many companies are waiting for RBI's payment aggregator license

image: Pixabay, RBI की नॉन-बैंक पेमेंट प्रोवाइडर्स रेगुलेटरी प्रणाली के तहत कई कंपनियां पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस की मंजूरी के इंतजार में हैं.

image: Pixabay, RBI की नॉन-बैंक पेमेंट प्रोवाइडर्स रेगुलेटरी प्रणाली के तहत कई कंपनियां पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस की मंजूरी के इंतजार में हैं.

कोरोना महामारी के दौरान किसी चीज में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है, तो वह है डिजिटल पेमेंट. अब लोग कैश रखने की बजाय डिजिटल पेमेंट करने में ज्यादा भरोसा दिखा रहे हैं. हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बताया कि फाइनेंशियल ईयर 2020-21 डिजिटल पेमेंट में 30.19 % की वृद्धि हुई है. RBI के मुताबिक अब गैर-बैंकिंग संस्थाएं भी उसकी रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) जैसी सेंट्रलाइज्ड पेमेंट सिस्टम (CPS) की सुविधाएं लोगों को दे पाएंगी. RBI के मुताबिक इसे कई चरणों में लागू किया जाएगा.
इससे पहले अप्रैल में हुई समीक्षा बैठक में RBI ने ऐलान किया था कि अब RTGS और NEFT के लिए बैंकों के ऊपर पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है. RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया था कि ये सुविधा अब नॉन बैंकिंग पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स भी दे सकेंगे.

ये संस्थाएं दे सकेंगी सुविधा

RBI ने बताया कि पहले चरण में अधिकृत नॉन बैंक पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स (PSP), जैसे पीपीआई प्रोवाइडर्स, कार्ड नेटवर्क और व्हाइट लेबल एटीएम जैसी संस्थाएं अपने ग्राहकों को NEFT और RTGS जैसी सुविधाएं दे पाएंगी. हालांकि इससे पहले साल 2019 में भी RBI ने RTGS और NEFT जैसी सुविधाओं को पूरी तरह से फ्री कर दिया था.

पेमेंट भेजने में लगेगा कम समय

गैर बैंकिंग संस्थाओं के RTGS और NEFT करने के कारण उनकी बैंकों पर निर्भरता कम होगी. इसी के साथ पेमेंट भेजने में कम समय लगने के साथ ही रिस्क भी कम होगा. वहीं गैर बैंकिंग संस्थाओं की भुगतान में लगने वाली लागत में भी कमी आएगी.

क्या है RTGS और NEFT जैसी सुविधाओं का फायदा

RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम) में जैसे ही आप पैसा किसी अकाउंट में डालते हैं तो वह तुरंत पहुंच जाता है. RTGS के जरिए लेनदेन तुरंत हो जाता है. NEFT (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर) इंटरनेट के जरिए दो लाख रुपये तक के लेनदेन के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. दोनों ही सुविधाओं उपयोग के दौरान पैसा कुछ ही समय में दूसरे अकाउंट में पहुंच जाता है.

Published - July 29, 2021, 04:39 IST