रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए सभी बैंकों और उनकी शाखाओं और करेंसी चेस्ट्स से कहा है कि वे नोटबंदी के दौरान के CCTV रिकॉर्डिंग को नष्ट न करें. इनसे 8 नवंबर 2016 से लेकर 30 दिसंबर 2016 की अवधि की सभी CCTV रिकॉर्डिंग्स को अगले आदेशों तक सुरक्षित रखने के लिए कहा गया है.
इस कदम के पीछे मकसद ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में एनफोर्समेंट एजेंसियों को मदद देना है जो कि नोटबंदी के दौरान अवैध गतिविधियों में लिप्त रहे थे.
8 नवंबर 2016 को लागू हुई थी नोटबंदी
सरकार ने 8 नवंबर 2016 को उस वक्त प्रचलित 500 रुपये और 1,000 रुपये के करेंसी नोटों पर बैन लगा दिया था. इसके पीछे कालेधन और आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग रोकना मकसद था.
सरकार ने नोटबंदी की प्रक्रिया के तहत लोगों को बैन किए गए करेंसी नोटों को बदलने या इन्हें बैंक खातों में जमा करने का मौका दिया था.
पूरे देश में अफरातफरी का माहौल रहा
इसके बाद 500 रुपये और 2,000 रुपये के नए नोट जारी किए गए. उस दौरान अपने पुराने नोटों को जमा कराने या उन्हें बदलने के लिए बैंक शाखाओं में भारी भीड़ रही और कुछ दिनों तक लगातार अफरातफरी का माहौल देखा गया.
गड़बड़ियों की चल रही है जांच
अलग-अलग इनपुट्स के आधार पर इनवेस्टिगेटिव एजेंसियों ने भी नए करेंसी नोटों को अवैध रूप से इकट्ठे करने से संबंधित मामले की जांच शुरू की.
इस तरह की जांच में सहयोग देने के लिए RBI ने बैंकों से कहा है कि वे नोटबंदी की अवधि की CCTV रिकॉर्डिंग को अगले आदेश तक नष्ट न करें.
क्या है RBI का आदेश
RBI ने एक सर्कुलर में बैंकों से कहा है, “लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों की जांच के लंबित होने और कई अदालतों में कार्यवाही जारी होने को देखते हुए आपको सलाह दी जाती है कि बैंक शाखाओं और करेंसी चेस्ट्स में 8 नवंबर 2016 से लेकर 30 दिसंबर 2016 की अवधि में ऑपरेशंस की CCTV रिकॉर्डिंग को अगले आदेश तक सुरक्षित रखें.”
दिसंबर 2016 में भी दिया था निर्देश
RBI का मौजूदा आदेश दिसंबर 2016 को जारी की गई एडवाइजरी के क्रम में ही है. उस वक्त बैंकों से कहा गया था कि वे अपनी शाखाओं और करेंसी चेस्ट में ऑपरेशंस की CCTV फुटेज को सुरक्षित रखें.
8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के ऐलान के वक्त 500 रुपये और 1,000 रुपये के 15.41 लाख करोड़ रुपये के नोट सर्कुलेशन में थे. इसमें से 15.31 लाख करोड़ रुपयेके नोट वापस कर दिए गए.