रिजर्व बैंक का मॉनसून पर दांव, गवर्नर ने कहा, अच्छी बारिश से बढ़ेगी डिमांड

RBI: क्रिपप्टोकरेंसी पर दास ने कहा कि सेंट्रल बैंक किसी भी तरह के निवेश को लेकर सलाह नहीं दे सकता. लोगों को अपने निवेश से पहले खुद सोच समझकर फैसला लेना चाहिए.

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रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने उम्मीद जताई है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर का असर वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली तिमाही तक ही सीमित रहेगा. शुक्रवार को मौद्रिक समीक्षा नीति के ऐलान के दौरान RBI गवर्नर ने नोट छपाई से लेकर क्रिप्टोकरेंसी और आम लोगों तक अब तक हुए रेट कट के फायदे की जानकारी भी साझा की.

शुक्रवार की पॉलिसी के ऐलान में महंगाई अनुमान बढ़ाया गया है, लेकिन शक्तिकांत दास का कहना है कि इसमें ज्यादा बढ़ोतरी नहीं की गई है. पहले वित्त वर्ष 2022 के लिए 5 फीसदी CPI रहने का अनुमान था जिसे बढ़ाकर 5.1 फीसदी किया गया है जो 2-6 फीसदी के दायरे के अंदर ही है. उन्होंने कहा कि ग्रोथ पर फोकस जारी रहेगा.

गावों और शहरों में डिमांड बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे कदम को लेकर दास ने कहा कि इस पर सरकार को फैसला लेना चाहिए. उन्होंने कहा, “बजट में आवंटन बढ़ाया गया है. डिमांड पर असर जरूर पड़ा है, लेकिन आकलन बताता है कि दूसरी लहर में अब नए मामले घट रहे हैं. दूसरी लहर पहली तिमाही तक ही सीमित रहेगी. अच्छे मॉनसून से गांवों में डिमांड सुधरेगी. जबकि, शहरों में परिस्थिति के अनुकूल बिजनेस ढल रहे हैं. हम इसे रोजाना मॉनिटर कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि दूसरी तिमाही से डिमांड में सुधार होगा.”

रेट कट का फायदा लोगों तक हुआ या नहीं?

दास का कहना है कि ब्याज दरों में 115 बेसिस पॉइंट की कटौती गई है. फरवरी 2019 से अब तक नए लोन पर 180 बेसिस पॉइंट का ट्रांसमिशन हुआ है.

गौरतलब है कि पिछले 6 बार से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन उससे पहले रेपो रेट में कटौती की गई है. इससे पहले 22 मई 2020 को रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 40 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी जिससे रेपो रेट 4 फीसदी पर आया. उससे पहले मार्च और फरवरी में भी ब्याज दरों में 0.75 फीसदी और 0.25 फीसदी की कटौती की गई थी.

नोट छापने पर RBI का रुख

मार्केट में एक्सपर्ट्स द्वारा नोट छपाई बढ़ाने के सुझावों पर गवर्नर ने कहा है,  “RBI अपने मॉडल और असेसमेंट पर काम करता है. सेंट्रल बैंक नोट छापने पर फैसले वित्तीय स्थिरता, महंगाई, एक्सचेंज रेट जैसे अहम पैरामीटर के हिसाब से फैसले लेता है. RBI अब तक सफलता से स्थिति को मैनेज कर रहा है. बॉरोइंग रेट पिछले 16 साल में सबसे कम रहा है. GSAP के अतिरिक्त 36,000 करोड़ सेकेंड्री ऑपरेशंस के जरिए इंजेक्ट किए गए हैं.

क्रिप्टोकरेंसी पर RBI

वर्चुअल करेंसी पर रिजर्व बैंक ने रुख साफ करते हुए कहा कि उनके पोजिशन में कोई बदलाव नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में RBI के जारी सर्कुलर को खारिज कर दिया था.

दास ने कहा,  “हमें हैरानी हुई है कि कुछ बैंक उस सर्कुलर को लेकर बैंक ग्राहकों को नोटिस भेज रहे हैं. उस सर्कुलर को रेफर करना सही नहीं होगा. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हमारी चिंताएं जरूर हैं. लेकिन सेंट्रल बैंक किसी भी तरह के निवेश को लेकर सलाह नहीं दे सकता. लोगों को अपने निवेश से पहले खुद सोच समझकर फैसला लेना चाहिए.”

बिजनेस के लिए किए गए ऐलानों का असर

लिक्वडिटी को लेकर लिए गए फैसले पर जब पूछा गया कि मॉल, मल्टीप्लेक्स जैसे सेक्टर अभी भी रेजॉल्यूशन स्ट्रक्चर से बाहर हैं तब इसपर गवर्नर ने कहा कि रेजॉल्यूशन के लिए सेक्टर आधारित दायरा नहीं तय किया गया है जबकि टर्नओवर और आउटस्टैंडिंग एक्सपोजर के हिसाब से पात्रता तय की गई है.

हालांकि, लिक्विडिटी सपोर्ट में पिछली MPC में कोविड से जुड़े हेल्थ इंफ्रा को सपोर्ट और आज के ऐलान में होटल, एविएश जैसे कुछ सेक्टर के लिए ऐलान किए हैं. RBI ने कहा है कि जिन सेक्टर्स पर दबाव देखने को मिल रहा है उनपर नजर रख रहे हैं.

रेजॉल्यूशन फ्रेमवर्क में अब तक किस तरह का रिस्पॉन्स हुआ है उसपर जवाब देते हुए दास ने कहा,  “रेजॉल्यूशन फ्रेमवर्क पर 22 मई तक बैंकों के बोर्ड अप्रूवल पॉलिसी सौंप चुके हैं. बैंक खुद की लिक्विडिटी का इस्तेमाल कर सकते हैं. कुछ बड़े बैंक अपने खुद की लिक्विडिटी का इस्तेमाल कर कर्ज बांटेंगे और रिजर्व बैंक के दिए कोविड विंडो का फायदा नहीं उठाएंगे.”

RBI के अहम फैसले

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को क्रेडिट पॉलिसी ऐलान में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है.  रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार रखा गया है और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर कायम रहेगी. हालांकि, RBI ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ अनुमान 10.5 फीसदी से घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है.

2 जून से 4 जून के बीच हुई मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में सभी सदस्यों ने दरों में बदलाव ना करने के पक्ष में हामी भरी है. कमिटी ने एकोमोडेटिव स्टांस जारी रखने का फैसला लिया है.

RBI ने अनुमान जारी किया है कि वित्त वर्ष 2021-22 के बीच GDP ग्रोथ 9.5 फीसदी रहेगी. इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में ग्रोथ 7.9 फीसदी रहने का अनुमान है, तीसरी तिमाही में 7.2 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.6 फीसदी.
रिटेल महंगाई (CPI) पर अनुमान जारी करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा है कि वित्त वर्ष 2021-22 में CPI 5.1 फीसदी पर रहने का अनुमान है. पहली तिमाही में 5.1 फीसदी, दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.7 फीसदी और जनवरी से मार्च 2022 की तिमाही में 5.3 फीसदी रहने का अनुमान है.
Published - June 4, 2021, 02:53 IST