भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू खाता नियमों को लेकर ग्राहकों को कुछ राहत दी है. भारतीय रिजर्व बैंक के नए नियमों के तहत बैंक अब उन उधारकर्ताओं के भी चालू खाते खोल सकती हैं जिन्होंने बैंकिंग सिस्टम से कैश क्रेडिट (CC- cash credit) या ओवरड्राफ्ट (overdraft-OD) के जरिए कर्ज लिया है. RBI ने भारतीय बैंक संघ (IBA-Indian bank association) और अन्य हितधारकों से मिले फीडबैक के बाद यह निर्णय लिया है. अगस्त में RBI ने बैंकों के अनुरोध के बाद नए चालू खाता मानदंडों को लागू करने की समय सीमा को अक्टूबर के अंत तक बढ़ा दिया था.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार RBI ने अपने बयान में कहा कि बैंक अब उन कर्जदारों के भी चालू खाते खोल सकती हैं जिन्होंने बैंकिंग सिस्टम से यानी दूसरे बैंकों से CC या OD के रूप में मिलने वाले कर्ज सुविधाओं का लाभ उठाया है. जिन उधारकर्ताओं ने पांच करोड़ रुपये से कम कर्ज लिया है उनके चालू खाते खोलने पर या बैंकों द्वारा उन्हें दी जाने वाली CC/OD सुविधा के प्रावधान पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा. लेकिन उधारकर्ताओं को इसके लिए बैंक को अंडरटेकिंग देनी होगी कि जब भी उनके ऊपर बैंकिंग सिस्टम से लिए गए कर्ज की सीमा पांच करोड़ रुपये या उससे अधिक होगी वह बैंक को सूचित करेंगे.
RBI ने कहा कि संशोधित नियमों के अनुसार बैंक अब बिना किसी प्रतिबंध के नाबार्ड, नेशनल हाउसिंग बैंक, एक्जिम बैंक और सिडबी समेत सभी वित्तीय संस्थान के चालू खाते खोल सकती हैं. बैंक, राज्य और केंद्र सरकारों के खास निर्देशों के तहत भी चालू खाते खोल सकती हैं. यह केंद्र या राज्य सरकारों, नियामक निकायों, अदालतों, जांच एजेंसियों के आदेश से संलग्न खाते भी खोल सकती हैं. नए नियमों के तहत, आरबीआई ने बैंकों को संग्रह खाते खोलने की अनुमति दी है, बशर्ते ऐसे खातों में जमा धन दो वर्किंग डेज के भीतर नकद क्रेडिट या ओवरड्राफ्ट (सीसी / ओडी) खाते में भेज दिया जाएगा.
इसके पूर्व RBI ने लोन से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में कमी लाने के लिए अगस्त 2020 में चालू खाते से जुड़े नियमों को कड़ा कर दिया था. इसके तहत बैंकों ने उन ग्राहकों के चालू खाते खोलने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिन्होंने अन्य बैंकों से कर्ज ले रखा था और वे सभी ट्रांजैक्शन CC या OD सुविधा वाले खातों से हुए.
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