Personal Loan: पर्सनल लोन मार्केट में जोरदार तेजी देखने का मिल रही है. इस मार्केट को ड्राइव करने में 25 साल से कम के युवा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक युवा शॉर्ट-टर्म लो-वैल्यू क्रेडिट का ज्यादा लाभ उठा रहे हैं. इसकी वजह से पर्सनल लोन मार्केट FY17 से FY21 में वैल्यू के हिसाब से 2.3 गुना और वॉल्यूम के हिसाब से 3.8 गुना बढ़ गया है. इनमें से कई कर्जदार (borrowers) ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार लोन लिया है. ये लोन ऐसे लेंडर्स से लिया गया है जो एनालिटिक्स और अन्य डिजिटल टूल्स के माध्यम से आकलन करने के बाद लोन प्रोसेस करते हैं. दोपहिया वाहनों के मामले में, 65% लोगों ने पहली बार लोन लिया. रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन लेने वालों में यह संख्या 35% है.
पर्सनल लोन सेगमेंट में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है. पर्सनल लोन का एवरेज टिकट साइज छोटा हो गया है, लेकिन वॉल्यूम तेजी से बढ़ा है.
FY17 और FY21 के बीच, पर्सनल लोन का एवरेज टिकट साइज 2.4 लाख रुपये से 40% घटकर 1.5 लाख रुपये हो गया. इसका सबसे ज्यादा फायदा नॉन बैंकिंग कंपनियों को मिला है.
स्मॉल टिकट पर्सनल लोन्स (STPL- एक लाख रुपए से कम) के मार्केट को बड़े पैमाने पर नॉन बैंकिंग कंपनियां ड्राइव करती है. FY17 से FY21 के बीच डिस्बर्समेंट के हिसाब से इन कंपनियों में तीन गुना ग्रोथ देखने को मिली है.
वॉल्यूम 11 गुना से ज्यादा बढ़ गए हैं. अब देश के सभी पर्सनल लोन अकाउंट में से करीब आधे अकाउंट STPL बॉरोअर्स के हैं.
लेंडर्स के पास स्मॉल-टिकट पर्सनल लोन्स का आउटस्टैंडिंग पोर्टफोलियो मार्च 2019 में 26,700 करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2020 में 39,700 करोड़ रुपये हो गया. एक साल में यह 48% बढ़ा. FY21 में आउटस्टैंडिंग लोन केवल 3.6% बढ़कर 41,200 करोड़ रुपये हुआ है.
जबकि FY21 में लोन पोर्टफोलियो की वैल्यू, लोन संख्या के संदर्भ में कम हो गई है. FY21 में अकाउंट 19% बढ़कर लगभग 2 करोड़ हो गए हैं.
पुनर्भुगतान में सबसे अधिक तनाव का सामना छोटे उधारकर्ता (स्मॉल बॉरोअर्स) कर रहे हैं. क्रेडिट ब्यूरो सीआरआईएफ हाई मार्क के अनुसार, पर्सनल लोन सेगमेंट की 3.5% की तुलना में एसटीपीएल लोन में 8.8% उधारकर्ता हैं जो समय पर (31-180 दिन) भुगतान नहीं कर पा रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, इस साल मार्च तक भारत में लेंडिंग मार्केट का कुल आकार 157 लाख करोड़ रुपये था. रिटेल और कमर्शियल की इसमें 49 फीसदी हिस्सेदारी है. शेष 2% माइक्रोफाइनेंस से हैं.
पिछले पांच वर्षों में, रिटेल, माइक्रोलेंडिंग और कमर्शियल लेंडिंग पोर्टफोलियो में क्रमश: 91%, 157% और 93% की वृद्धि देखी गई है. कोविड की दूसरी लहर के बाद भी, व्यक्तिगत ऋणों में वृद्धि जारी है.
केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, रिटेल/पर्सनल लोन सेगमेंट का ग्रोथ रेट 11.2 फीसदी था और जुलाई 2020 की तुलना में इस साल जुलाई में 220 आधार अंक (100 बीपीएस = 1 परसेंटेज पॉइंट) अधिक था.
क्रेडिट आउटस्टैंडिंग जुलाई 2021 में 28.6 लाख करोड़ रुपये हो गया जो जुलाई 2020 में 25.7 लाख करोड़ रुपये था.