कोरोना संक्रमण के कठिन वक्त में भी गुजरातियों ने बचत को बैंकों में जमा करने की अपनी आदत को बनाए रखा है. बैंकों में डिपॉजिट रेट बहुत ही कम हैं फिर भी लोगों ने बैंकों पर भरोसा रखा है. पिछले एक साल में गुजरात के बैंकों में जमा रकम बढ़कर 8.81 लाख करोड़ रुपये हो गई है. जबकि, मार्च 2020 में जमा रकम 7.60 लाख करोड़ रुपये थी. गुजरात में जमा राशि में एक साल की अवधि के दौरान 1.21 लाख करोड़ रुपये की ग्रोथ हुई है.
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की एक रिपोर्ट में यह आंकड़ा सामने आया है. मार्च 2019 में अंतिम जमा राशि 6.97 लाख करोड़ रुपये थी. 2019-20 के दौरान इसमें 63,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. 2020-21 में कोरोना के बावजूद डिपॉजिट में पिछले साल की तुलना में इजाफा हुआ है.
राज्य के 33 जिलों में से 70 फीसदी जमा अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट, कच्छ, गांधीनगर और आणंद समेत 7 जिलों में देखने को मिला है. इन जिलो में कुल मिलाकर 6.10 लाख करोड़ रुपये की राशि डिपॉजिट हुई है. वर्ष 2011 में बैंकों में जमा राशि 2.72 लाख करोड़ रुपये थी, जो 2021 में बढकर 8.81 लाख करोड़ रुपये हो गई है.
कोरोना के दौर में अहमदाबाद में जमा रकम में सबसे अधिक 35,000 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. वडोदरा में 16,000 करोड़ रुपये, जबकि सूरत में 13,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. इसके अलावा, राजकोट में 6000 करोड़ रुपये, कच्छ में 4.97 हजार करोड़ रुपये, आणंद में 3.48 हजार करोड़ रुपये और गांधीनगर में 9.56 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है.
23,500 करोड़ रुपये का हाउसिंग लोन
2019-20 में 8.57 लाख महिला उद्यमियों को 15 हजार करोड़ का कर्ज दिया गया था, जबकि 2020-21 में 7.87 लाख महिला कारोबारियों को 20 हजार करोड़ का कर्ज दिया गया है. हाउसिंग फाइनेंस के तहत 2.76 लाख लोगों को 22,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया, जो 2020-21 में बढ़कर 23,500 करोड़ रुपये हो गया. कुल 2.40 लाख लोगों को ये कर्ज दिया गया है.
गुजरात में 9 महीनों में UPI लेनदेन में 121% की वृद्धि
राज्य में UPI भुगतान में 2021 की तीन तिमाहियों में 120% की वृद्धि हुई है. जून 2020 में ऑनलाइन लेनदेन 12.75 करोड़ रुपये के हुए, जो बढ़कर मार्च 2021 में 28.12 करोड़ रुपये पर पहुंच गए हैं. ऑनलाइन एजूकेशन और वर्क फ्रॉम होम से भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में बढ़ोतरी देखने को मिली है.