online fraud: देश के डिजिटल ट्रांजैक्शंस बढ़ने के साथ ही ऑनलाइन फ्रॉड (online fraud) की घटनाओं में भी जबरदस्त तेजी आ रही है. ऐसे में लोगों को ज्यादा सजग रहने की जरूरत है. हालांकि, अगर आपके साथ ऐसा ही कोई फाइनेंशियल फ्रॉड (Financial Fraud) होता है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है और आप इस पैसे को वापस पा सकते हैं.
अगर किसी मामूली चूक या अन्य वजह से आप ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड (Online Financial Fraud) का शिकार हो जाते हैं तो आप अपने पैसे रिफंड कराने की कोशिश कर सकते हैं. लेकिन, इसके लिए आपको तत्काल कदम उठाने होंगे.
नहीं होगा कोई नुकसान
अगर आप किसी ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड (Online Financial Fraud) का शिकार हो जाते हैं तो कई लोगों को ये समझ नहीं आता कि उन्हें क्या करना चाहिए. लेकिन, आपको घबराने की बजाय उन प्रक्रियाओं के बारे में सोचना चाहिए कि आपके पास क्या रास्ते उपलब्ध हैं. साथ ही अपने पैसों की वापसी की कोशिश भी करनी चाहिए.
रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक, अगर आपको किसी अवैध इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन का शिकार हो जाते हैं तो आपकी जिम्मेदारी शून्य भी हो सकती है. लेकिन, ऐसा तभी होगा अगर आप इस बारे में तुरंत ही अपने बैंक को बता देते हैं.
72 घंटे के भीतर रिपोर्ट करें
अगर आप साइबर फ्रॉड (Online Financial Fraud) का शिकार हो जाते हैं और आपके खाते से पैसा चला जाता है तो आपको तीन दिन के भीतर इसकी शिकायत करनी होती है.
इसके साथ ही आप https://www.cybercrime.gov.in/ पर या स्थानीय पुलिस थाने में भी इसकी शिकायत कर सकते हैं.
10 दिन के भीतर रिफंड
अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको किसी भी तरह का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा और आपको 10 दिन के भीतर ही रिफंड मिल सकता है.
अगर आप ऐसे ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं तो चुप रहने की जरूरत नहीं है. आपको संबंधित जानकारी के साथ ही बैंक को लिखित में इसकी जानकारी देनी चाहिए और शिकायत दर्ज करानी चाहिए.
हेल्पलाइन
साइबर फ्रॉड (Online Financial Fraud) से हुए वित्तीय नुकसान से आपको बचाने के लिए एक नेशनल हेल्पलाइन 155260 को भी लॉन्च किया गया है. फिलहाल ये सेवा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे 7 राज्यों में ही उपलब्ध है.
इसे जल्द ही दूसरे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी लॉन्च कर दिया जाएगा.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2009 से सितंबर 2019 के बीच 1.17 लाख ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड के जरिए लोगों को 615.39 करोड़ रुपये की चोट उठानी पड़ी है.