Income Tax Return फाइल करते समय कभी ना भूलें ये 7 बातें

Income Tax Return: नियत तारीख के बाद दाखिल रिटर्न के लिए धारा 234F के तहत लेट फाइलिंग शुल्क लगाया जाता है.

Income Tax Department issued refund of Rs 51,531 crore, much less than last year

फॉर्म 26AS टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स पासबुक की तरह है. इसमें परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) के अगेंस्ट टैक्सपेयर की सभी ट्रांजिशन इंफॉर्मेशन शामिल हैं.

फॉर्म 26AS टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स पासबुक की तरह है. इसमें परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) के अगेंस्ट टैक्सपेयर की सभी ट्रांजिशन इंफॉर्मेशन शामिल हैं.

Income Tax return दाखिल करने की प्रक्रिया अब और सुविधाजनक हो गई है. यूजर्स इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दो तरह से ऑनलाइन और ऑफलाइन फाइल कर सकते हैं. वित्त मंत्रालय ने आकलन वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख दो महीने आगे बढ़ा दी थी. पहले यह 31 जुलाई 2021 थी, लेकिन अब 30 सितंबर 2021 तक आईटीआर फाइल किया जा सकता है. आयकर रिटर्न दाखिल करते समय एक आयकरदाता को निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए.

1. पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि आइटीआर को समयसीमा पर या उससे पहले फाइल कर देना चाहिए. करदाताओं को देरी से रिटर्न दाखिल करने से बचना चाहिए. आय/हानि (गृह संपत्ति के नुकसान के अलावा) का रिटर्न दाखिल करने में देरी के परिणाम निम्नलिखित हैं:
क. घाटे को कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकेगा.

ख. धारा 234ए के तहत ब्याज वसूला जा सकता है.

ग. नियत तारीख के बाद दाखिल रिटर्न के लिए धारा 234F के तहत लेट फाइलिंग शुल्क लगाया जाता है. रिटर्न समयसीमा के बाद दाखिल होता है तो 5000 रुपये लेट फाइलिंग फीस लगती है. हालांकि, अगर कुल आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है, तो देर से फाइलिंग का शुल्क 1,000 रुपये होगा.

घ. धारा 10A और धारा10B के तहत मिलने वाली छूट का फायदा नहीं मिल पाएगा.

ड. धारा 80-IA, 80-IAB, 80-IB, 80-IC, 80-ID और 80-IE के डिडक्शन उपलब्ध नहीं होंगे.

च. धारा 80IAC, 80IBA, 80JJA, 80JJAA, 80LA, 80P, 80PA, 80QQB और 80RRB के डिडक्शन उपलब्ध नहीं होंगे.

2. करदाता को फॉर्म 26AS डाउनलोड करना चाहिए और वास्तविक टीडीएस/टीसीएस/टैक्स की पुष्टि करनी चाहिए. यदि कोई विसंगति पाई जाती है, तो उसका समाधान करने के लिए उचित कार्रवाई की जानी चाहिए.

3. बैंक स्टेटमेंट/पासबुक, ब्याज प्रमाण पत्र, निवेश प्रमाण जिसके लिए कटौती का दावा किया जाना है, अकाउंट बुक्स, बैलेंस शीट और P&L A/c (यदि लागू हो) जैसे आयकर रिटर्न दाखिल करते समय उपयोग किए जाने वाले दस्तावेजों को संकलित करें और ध्यान से पढ़ें.

4. आईटीआर के साथ कोई दस्तावेज संलग्न नहीं करना है. करदाता को अपने मामले में लागू सही रिटर्न फॉर्म की पहचान करनी चाहिए. रिटर्न फॉर्म में सभी जानकारी सावधानी से दें. कुल आय, कटौती (यदि कोई हो), ब्याज (यदि कोई हो), कर देयता/रिफंड आदि की गणना की पुष्टि करें.

5. सुनिश्चित करें कि अन्य विवरण जैसे पैन, पता, ई-मेल आईडी, बैंक खाता विवरण आदि सही हों.

6. आईटीआर में सभी विवरण भरने के बाद और सभी विवरणों की पुष्टि के बाद व्यक्ति आईटीआर दाखिल करने के लिए आगे बढ़ सकता है. यदि रिटर्न इलेक्ट्रॉनिक रूप से डिजिटल हस्ताक्षर और इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड के बिना दाखिल किया जाता है, तो आयकर रिटर्न दाखिल करने के 120 दिनों के भीतर सीपीसी बेंगलुरु पर आयकर रिटर्न दाखिल करने की पावती पोस्ट करना न भूलें.

7. ई-फाइलिंग के विवरण के लिए कृपया https://www.incometax.gov.in पर लॉग ऑन करें.

Published - July 30, 2021, 03:38 IST