आने वाले समय में फिक्स डिपोजिट (FD) भविष्य की बात हो सकती है. हालांकि यह केवल एक विचार मात्र है. FD की घटती ब्याज दर के कारण कई भारतीय अपनी FD को निकाल रहे हैं. इसके साथ ही वह FD का पैसा इक्विटी मार्केट और म्यूचुअल फंड में लगा रहे हैं, जो उन्हें अच्छा रिटर्न दे रहे हैं .लेकिन एक तथ्य यह भी है कि आने वाले समय में हमारे देश के लोगों की एक बड़ी संख्या अपनी कमाई को FD में जमा करना जारी रखेगें.
लोगों का FD में भरोसा के एक बड़ा कारण उसकी सेफ्टी और उनके पहले से लगाए गए अनुमान के आधार पर होता है. पैसे जमा करने वाले लोगों को पता होता है कि उन्हें क्या और कब मिलने वाला है. उनका पैसा भी पूरी तरह से सेफ है और इसमें कोई रिस्क नहीं है. मौजूदा समय में देश के लोग तेजी से हो रहे बदलाव से जूझ रहे हैं. यह एक स्वभाविक सी बात है भी है कि लोग इस बदलाव में अपनी फाइनेंशियल सेफ्टी का ध्यान ज्यादा रखेंगे और इस दिशा में ज्यादा जोर देंगे.
FD की ब्याज दरों में लगातार हो रही गिरावट के कारण लोगों का एक बड़ा वर्ग काफी निराश है. विकास को गति देने के लिए आरबीआई ने कम ब्याज दरों को बनाए रखा है. जिससे FD की दरों को भी कम रखा गया है. इसके अलावा, बैंक एक तरह से उधार देने का भी काम कर रहे हैं. वह भी फंड के साथ बहुत उदार बन गए हैं. साथ ही उधार दरों को कम रख रहा है, जो FD की दरों को भी प्रभावित कर रहा है.
इन सबके बावजूद भी एक संपत्ति वाले वर्ग के रूप में FD का आकषर्ण लोगों के बीच बनाए रखने की जरूरत है. सीपीआई मुद्रास्फीति की तुलना में कम स्तर पर दरों में गिरावट एक बड़े वर्ग के लिए झटका है. सरकार छोटी बचत की ब्याज दरों में कटौती से परहेज कर रही है. FD में विश्वास रखने वाले लोग अपना भरोसा ना गवाएं यह देखना सरकार और बैंको को कर्तव्य होना चाहिए. इस हफ्ते की शुरूआत में आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक और आईडीबीआई(IDBI) बैंक ने चुनिंदा एफडी दरों में मामूली अंतर की बढ़ोतरी की थी. FD होल्डर को FD निकालने से रोकने के लिए साथ ही जरूरत के समय में FD को पसंद किए जाने वाले साधन के रूप में बनाए रखने के लिए भी इसका पालन करना चाहिए.