इमरजेंसी फंड की जरूरत महामारी के दौरान या किसी भी समय पड़ सकती है. ज्यादातर लोग ऐसे में क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन के बारे में सोचते हैं. लेकिन, लाइन ऑफ क्रेडिट (Line of Credit- LOC) के बारे में क्या विचार है? आपकी इमर्जेंसी फंड की जरूरत को ये तरीका आसान बना सकता है.
LOC क्या है?
LOC क्रेडिट कार्ड लोन की तरह है. लाइन ऑफ क्रेडिट (LOC) कस्टमर की एक पूर्व निर्धारित उधार सीमा है जिसका उपयोग किसी भी समय किया जा सकता है. लेकिन LOC का इंटरेस्ट रेट क्रेडिट कार्ड लोन से कम है.
जब कोई LOC के लिए अप्लाई करता है, तो वो जरूरत के हिसाब से एक निश्चित राशि ड्रॉ कर सकता है. इंटरेस्ट केवल उधार लिए गए अमाउंट पर लगाया जाएगा और जैसे ही पैसा चुका दिया जाता है, फिर से उधार लिया जा सकता है.
यह LOC और पर्सनल लोन के बीच बुनियादी अंतर है, जहां लोन का अमाउंट तय किया जाता है और केवल एक बार लिया जाता है.
LOC के फायदे
पर्सनल लोन की तुलना में लाइन ऑफ क्रेडिट ज्यादा फ्लेक्सिबल है, क्रेडिट कार्ड लोन की तुलना में इसके कई फायदे हैं.
LOC पर्सनल लोन की तुलना में क्रेडिट कार्ड के समान है. अंतर यह है कि क्रेडिट लाइन आमतौर पर फंड को लोन में बदलने के लिए ज्यादा फ्लेक्सिबल ऑप्शन के साथ आती हैं, जिससे उधारकर्ता को क्रेडिट कार्ड की तुलना में लंबी अवधि में उन्हें चुकाने की सुविधा मिलती है.
ओपन LOC से आप कई बार लोन ले सकते हैं, जबकि पर्सनल लोन में आप एक बार लोन ले सकते हैं. LOC की तुलना में, पर्सनल लोन में नॉन-रिवॉल्विंग क्रेडिट लिमिट होती है, जिसका मतलब है कि लोन लेने वाला केवल एक बार लोन लिए गए अमाउंट को एक्सेस कर सकता है.
लेकिन, LOC में, बौरोअर लागातर फंड को एक्सिस कर सकता है जब तक जरूरत होती है तब तक वो एक्टिव होने तक इसका इस्तेमाल कर सकता है.
इसके अलावा, लाइन ऑफ क्रेडिट ऑप्ट करते समय, इसका इस्तेमाल करने की कोई बाध्यता (ऑब्लिगेशन) नहीं है. बोरोअर (उधारकर्ता) इसके लिए तब पे कर सकते हैं जब वो इसका इस्तेमाल करता है.
इसका एक बड़ा फायदा यह है कि एक बार जब बोरोअर अमाउंट का रीपेमेंट कर देता है, तो उसके पास फिर से फंड निकालने या उधार लेने का ऑप्शन होता है, और जितनी बार उसे जरूरत हो उतनी बार. जबकि कंज्यूमर केवल उस फंड के लिए पे करते हैं जो वो वास्तव में इस्तेमाल करते हैं, एक्सपर्ट का मानना है कि ऐसे में LOC ज्यादा किफायती साबित हो सकती है.
एक्सपर्ट का मानना है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए, LOC एक आदर्श विकल्प होगी क्योंकि यह आपको मल्टीपिल लोन के लिए आवेदन किए बिना आवश्यकता पड़ने पर फंड का इस्तेमाल करने की सुविधा देती है.
LOC के नुकसान
इसके कुछ नुकसान भी हैं. LOC में एनुअल या मंथली मेंटेनेंस चार्ज हो सकते हैं. इसके अलावा, जब तक आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं होगा, LOC अप्रूव नहीं होगी.
इंटरेस्ट रेट वेरिएबल हैं और अपनी फ्लैक्सिबिलिटी के चलते कभी-कभी ये पर्सनल लोन की तुलना में थोड़ी महंगी हो सकती हैं. लेकिन यह अभी भी क्रेडिट कार्ड द्वारा लिए जाने वाले इंटरेस्ट से कम है.
सभी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट द्वारा LOC ऑफर नहीं की जाती है और बोरोअर का लैंडर के साथ अकाउंट होना चाहिए.
700 से अधिक क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्ति को आमतौर पर LOC के लिए एलिजिबल माना जाता है और किसी भी लोन के रीपेमेंट के मामले में उसका पिछला रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए. वरना, LOC अप्रूव नहीं होगी.
एक्सपर्ट की राय
इनकम टैक्स प्रोफेशनल अरविंद अग्रवाल ने कहा, “क्रेडिट कार्ड की तुलना में लाइन ऑफ क्रेडिट सभी पहलुओं में बेहतर है, लेकिन थोड़ी सी रकम के लिए पर्सनल लोन बेहतर है.“
अग्रवाल ने कहा, “लेकिन अगर आपको अच्छी रकम की जरूरत है, मान लीजिए कि 5 लाख रुपये से अधिक है, तो फिर LOC अच्छा विकल्प है. लेकिन पर्सनल लोन मिलना आसान है इसलिए LOC मिलना बोरोअर और लैंडर के मल्टीपल फैक्टर पर भी निर्भर करता है”
उन्होंने कहा LOC के लिए एप्लीकेशन प्रोसेस में लैंडर पर्सनल लोन की तुलना में बोरोअर की क्रेडिट रिपोर्ट की कठोर जांच कर सकता है. लेकिन फिर भी सभी पहलुओं पर विचार करते हुए LOC पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड लोन से बेहतर है.