राज्य के स्वामित्व वाले तीन लोनदाताओं एसबीआई, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और पीएनबी ने गुरुवार को प्रस्तावित बैड बैंक एनएआरसीएल (NARCL) में 12-12 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी ली. वहीं उन्होंने कहा कि उनकी हिस्सेदारी दिसंबर तक नीचे लाई जाएगी, जबकि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) में कम्यूलेटिव 3.88 करोड़ शेयरों का प्रतिनिधित्व करते हुए 13.27 प्रतिशत हिस्सेदारी ली, पीएनबी ने 12.06 प्रतिशत हिस्सेदारी (1,80,80) की सदस्यता ली.
एनएआरसीएल (निवेश समझौते के पैंडिंग एग्जीक्यूशन) के 1,98,00,000 शेयरों की सदस्यता पर एक रेगुलेटर फाइलिंग में, देश के सबसे बड़े लोनदाता एसबीआई ने कहा कि “भारतीय स्टेट बैंक द्वारा 13.27 प्रतिशत की इक्विटी हिस्सेदारी का निवेश घटाकर किया जाएगा.
वहीं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी नियामक फाइलिंग में कहा कि उसने एनएआरसीएल (निवेश समझौते के पैंडिंग एग्जीक्यूशन) के 1,98,00,000 शेयरों की सदस्यता ली है.
साथ ही कहा कि वह अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) / वित्तीय संस्थानों द्वारा सदस्यता पर दिसंबर 2021 तक अपनी हिस्सेदारी 13.27 प्रतिशत से घटाकर 9.90 प्रतिशत कर देगा.
बैंक ने एक अलग फाइलिंग में कहा, “पंजाब नेशनल बैंक ने नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (निवेश समझौते के पैंडिंग एग्जीक्यूशन) के 1,80,00,000 शेयरों की सदस्यता ली है.”
पीएनबी ने कहा कि वह 31 दिसंबर, 2021 तक अपनी हिस्सेदारी 12.06 प्रतिशत से घटाकर 9 प्रतिशत कर देगा. एनएआरसीएल, जो अभी तक चालू नहीं हुआ है, सोर लोन के शीघ्र समाधान के लिए बैंकों की खराब संपत्ति को अपने खाते में ले लेगा.
तीनों लोनदाताओं ने एनएआरसीएल में 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से इक्विटी की सदस्यता ली है, उनके द्वारा अधिग्रहण का काम मार्च 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है.