पैसों के लिए नहीं जाना होगा शहर, UP में शुरू हो रही ये बड़ी सुविधा

Micro ATM: उप्र सरकार ने 7414 माइक्रो एटीएम पैक्सों को मुहैया कराने के लिए सहकारिता विभाग को दे दिए हैं. एटीएम नेटबैकिंग से जुड़े रहेंगे.

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सबसे पहले जिस व्यक्ति को आपको पैसे भेजने हैं यानी बेनिफिशियरी को HDFC की नेटबैंकिंग से जोड़ना होगा.

सबसे पहले जिस व्यक्ति को आपको पैसे भेजने हैं यानी बेनिफिशियरी को HDFC की नेटबैंकिंग से जोड़ना होगा.

Micro ATM: गांव में रहने वालों के अच्‍छी खबर है. अब उन्‍हें पैसों की निकासी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. गांवों में मौजूद सहकारिता विभाग की प्रारंभिक समितियां (पैक्स) 1 जुलाई से बैंकिंग सेवा भी देने लगेंगी.

इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 7,414 माइक्रो एटीएम (Micro ATM) पैक्सों को मुहैया कराने के लिए सहकारिता विभाग को दे दिए हैं. माइक्रो ATM पूरी तरह नेटबैकिंग से जुड़े होंगे. डेबिट कार्ड स्वाइप, आधार बेस्ड और बायोमीट्रिक प्रणाली से इन ATM से ग्रामीण अपने खाते से पैसे निकाल सकेंगे.

पैक्‍स को दी संचालन की जिम्‍मेदारी

राज्य सरकार ने पैक्सों के लिए 7414 माइक्रो ATM पैक्सों को मुहैया कराने के लिए सहकारिता विभाग को दे दिए है, जिनका वितरण चल रहा है. पैक्स पर माइक्रो एटीएम को संचालित करने की जिम्मेदारी निभाने वाले बिजनेस प्रतिनिधियों को इसी महीने प्रशिक्षित कर दिया जाएगा.

ATM से ग्रामीण सहकारी बैंकों के साथ ही अन्य राष्ट्रीय और निजी क्षेत्र के डेबिड कार्ड से पैसे निकाले जा सकेंगे. जिला सहकारी बैंक और उप्र सहकारी बैंक लिमिटेड के खाताधारक माइक्रो एटीएम का संचालन करने वाले बिजनेस प्रतिनिधि के माध्यम से धनराशि अपने खाते में जमा भी करा सकेंगे.

10 लाख रुपये माइक्रो ATM से निकासी का लक्ष्य

जानकारी के मुताबिक, ATM की खरीद पर करीब 21 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. पैक्सों के माध्यम से फिलहाल सालाना 10 लाख रुपये माइक्रो ATM के माध्यम से निकासी का लक्ष्य रखा गया है. ग्रामीण जैसे-जैसे इस सुविधा से जुड़ते जाएंगे यह लक्ष्य बढ़ा दिया जाएगा.

पैक्सों पर माइक्रो एटीएम मुहैया कराने के साथ ही पैक्स के कंप्यूटरीकरण का काम भी शुरू किया गया है. 294 पैक्स का कंप्यूटरीकरण नाबार्ड के सहयोग से किया जा रहा है.

इस वित्तीय वर्ष में 1391 पैक्स पर कंप्यूटर लगा दिए जाएंगे. केंद्र सरकार के सहयोग से पैक्सों के कंप्यूटरीकरण का काम शुरू किया गया है. 60 फीसदी धनराशि केंद्र सरकार और 40 फीसदी धनराशि राज्य सरकार अथवा यूपीसीबी व डीसीबी का लगेगा.

तीन साल में सभी पैक्स कंप्यूटरीकृत कर दिए जाएंगे. इस योजना पर करीब 58.81 करोड़ रुपये खर्च होंगे. कंप्यूटरीकरण के साथ ही पैक्स सहकारी बैंकों के एक्सटेंशन के रूप में काम करने लगेंगे.

Published - June 9, 2021, 12:17 IST