कर्ज लेने से क्यों आगाह कर रहा है RBI?

Loan: एक्सपर्ट्स को लगता है कि लोग सस्ता कर्ज लेकर मार्केट में लगा रहे हैं जो कि उनके लिए जोखिम भरा हो सकता है.

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लोन प्रोटेक्शन इंश्योरेंस प्लान में प्रीमियम का आधार आपकी आयु, स्वास्थ्य, लोन की राशि और अवधि पर तय होता हैं.

लोन प्रोटेक्शन इंश्योरेंस प्लान में प्रीमियम का आधार आपकी आयु, स्वास्थ्य, लोन की राशि और अवधि पर तय होता हैं.

पिछले कुछ दिनों से आरबीआई (RBI) लगातार लोन (Loan) लेने वालों को सलाह और सतर्क रहने के संदेश दे रहा है. विज्ञापनों और पोस्टरों, वीडियोज के जरिए ये सलाह और जागरूकता बढ़ाने के संदेश लोगों को दिए जा रहे हैं. आरबीआई के एक पोस्टर में लोगों से कहा गया है कि वे बिना वजह लोन (Loan) लेने से बचें. मसलन, एक संदेश में कहा गया है, “जितनी जरूरत हो उतना ही कर्ज लीजिए“, “अपनी EMI समय से चुकाइए.” इसमें कहा गया है कि लोगों को लोन (Loan) की रकम का वहीं इस्तेमाल करना चाहिए जिस मकसद से वह लोन लिया गया है.

(https://www.rbi.org.in/FinancialEducation/FLW2021/English/100962-1001%20RBI%20FL%20Week_A3%20Poster_English_02_CC.pdf)

इसमें ये भी कहा गया है कि अपने बकाया पर नजर रखें और समय पर भुगतान करते रहें.

कर्जदारों को सचेत करने के लिए RBI ने इस कैंपेन का नारा दिया है- “आरबीआई कहता हैवित्तीय अनुशासन, चिंता मुक्त जीवन

लेकिन, मौजूदा वक्त में जो कैंपेन चलाया जा रहा है उसे अगर गौर से देखें तो उसमें बड़े तौर पर लोगों को लोन लेने में सतर्क रहने, बिना वजह Loan न लेने, Loan की रकम का सही इस्तेमाल करने और कर्ज की ईएमआई वक्त पर चुकाने जैसी चीजों पर ज्यादा जोर है.

क्या कर्ज लेकर स्टॉक्स में पैसा लगा रहे हैं लोग?

एक्सपर्ट मानते हैं कि RBI की इस मुहिम के पीछे एक वजह है. जानकारों का मानना है कि ऐसा लग रहा है कि लोग स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने के लिए कर्ज की रकम का इस्तेमाल कर रहे हैं और ये एक बड़ा खतरा है.

वरिष्ठ अर्थशास्त्री प्रोफेसर अरुण कुमार कहते हैं, फाइनेंशियल मार्केट्स बहुत उछल गए हैं. ऐसे में कुछ लोग उधार लेकर मार्केट्स में निवेश कर रहे हैं. RBI के गवर्नर पिछले चार महीने में कम से कम तीन बार ये बोल चुके हैं कि फाइनेंशियल मार्केट्स अर्थव्यवस्था की सही तस्वीर नहीं दिखा रहे हैं. ऐसे में रिस्क बढ़ रहा है.”

वे कहते हैं कि मार्केट में इस वक्त बेहद रिस्क है. ऐसे में तगड़े नुकसान होने के आसार बने हुए हैं.

प्लानअहेड वेल्थ फाइनेंशियल एडवाइजर्स के डायरेक्टर विशाल धवन कहते हैं, “कर्ज की ब्याज दरें बेहद निचले स्तर पर हैं. ऐसे में लोगों को लगता है कि अभी लिया गया कर्ज उन्हें काफी सस्ता पड़ने वाला है. हालांकि, ज्यादातर लोन फ्लोटिंग रेट पर होते हैं और ऐसे में आने वाले वक्त में जब रेट बढ़ेंगे तो लोगों को ज्यादा पैसे चुकाने होंगे.

वे कहते हैं कि कई लोगों को लगता है कि वे अभी सस्ता कर्ज लेकर इसे स्टॉक मार्केट में लगा सकते हैं और वहां पर उन्हें ज्यादा मुनाफा हो सकता है.

हालांकि, रेगुलेटर्स बारबार लोगों को इस बात की चेतावनी दे रहे हैं कि रिकॉर्ड पर बने हुए मार्केट में पैसे लगाना बेहद जोखिम भरा हो सकता है.

NPA बढ़ने का खतरा

धवन कहते हैं कि कई लोगों ने कोविड19 महामारी के वक्त दिए गए मोरेटोरियम का फायदा उठाकर EMI देना बंद कर दिया और ऐसे लोगों को लगता था कि उनका ब्याज माफ हो जाएगा. जबकि ऐसा नहीं था.

वे कहते हैं कि इन्हीं तमाम वजहों और चिंताओं के चलते आरबीआई ग्राहकों को ज्यादा जागरूक बनाने की कोशिश कर रहा है.

इसके अलावा, छोटे कारोबार भी मुश्किल भरे दौर से गुजर रहे हैं और इस सेक्टर में Loan डिफॉल्ट का खतरा आरबीआई को दिख रहा है.

प्रोफेसर कुमार कहते हैं कि पिछले एक साल में कई उद्योगधंधे मुश्किल भरे दौर से गुजरे हैं. खासतौर पर छोटे कारोबारों एमएसएमई में डिफॉल्ट का खतरा बना हुआ है. इन कारोबारियों के लिए गए कर्ज एनपीए में तब्दील हो सकते हैं.

यहां तक कि सेबी, बैंक्स, बीमा रेगुलेटर इरडा और आरबीआई इन सबने पिछले कुछ वक्त में इस तरह के कैंपेन चलाए हैं. इन सबके केंद्र में ग्राहकों की सुरक्षा मुख्य मकसद है.

RBI ने वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2021 को हाल में ही पूरा किया है. यह सप्ताह 8-12 फरवरी के बीच मनाया गया. लेकिन, RBI अभी भी इस कैंपेन में जुटा हुआ है और लोगों को जागरूक कर रहा है. इस बार की RBI की थीम कर्ज अनुशासन और औपचारिक संस्थानों से कर्जरही है.

एक अन्य प्रचार में लोगों को सतर्क किया गया है कि उन्हें केवल औपचारिक संस्थानों से ही लोन लेना चाहिए.

(https://www.rbi.org.in/FinancialEducation/FLW2021/English/100962-1001%20RBI%20FL%20Week_Leaflet_Front_English_01.pdf)

RBI ने कहा है कि वित्तीय समावेश और शिक्षा रिजर्व बैंक की विकास की भूमिका के दो अहम तत्व हैं.

RBI ने ग्राहकों को शिक्षित करने के लिए 13 भाषाओं में सामग्री तैयार की है. आरबीआई के मुताबिक, “इस कदम का मकसद वित्तीय उत्पादों और सेवाओं को लेकर जागरूकता पैदा करना, अच्छी वित्तीय गतिविधियों, डिजिटलीकरण और ग्राहकों की सुरक्षा है.”

पिछले कुछ वक्त में क्रेडिट ऑफटेक कम हुआ है रबीआई और दूसरे बैंक चाहते हैं कि इसमें इजाफा हो. लेकिन, आरबीआई की बड़ी चिंता ये है कि ये कर्ज सही काम के लिए लिया जाना चाहिए और इसकी गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए जहां कर्ज के डूबने के आसार न हों.

Published - March 17, 2021, 05:51 IST