अहमदाबाद में रहने वाले धीरज को इसी महीने अपनी पत्नी को बर्थ डे के मौके पर गोल्ड रिंग करना चाह रहे थे, लेकिन बच्चे की फिस के चलते उनका बैंक बैलैंस महीने की शुरुआत में ही खाली हो गया. ऐसे में धीरज के पास अपनी बीवी को खुश करने के पास दो ऑप्शन थे, या तो वह बैंक से पर्सनल लोन (Loan) ले या फिर अपना क्रेडिट कार्ड स्वैप कर उसकी ईएमआई बनवा ले. कई बार आप लोग भी इसी तरह असमंजस में फंस जाते हैं. तब आपके लिए क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन (Loan) में से किसे चुनना चाहिए से सवाल खडा हो जाता है.
क्रेडिट कार्ड आपको फ्लैट रेट से लोन देते हैं, वहीं पर्सनल लोन रिड्यूसिंग रेट से मिलता है. यानि कि प्रिंसिपल अमाउंट कम होने के साथ ही किश्तों का बोझ कम होता है. इसका फायदा लंबी अवधि के कर्ज में मिलता है. लेकिन यदि आप 3 महीने या 6 महीने के लिए कर्ज ले रहे हैं तो क्रेडिट कार्ड का ईएमआई ऑप्शन बेहतर है. क्योंकि बैंक 12 से 24 महीने के लिए पर्सनल लोन देते हैं. ज्यादातर बैंक 2500 रुपये से ज्यादा की गई खरीदारी को ईएमआई में कनवर्ट करने का विकल्प देते हैं. ऐसे में छोटी खरीदारी से लेकर बड़ी खरीदारी को ईएमआई में कनवर्ट करा सकते हैं.
यदि आप लंबी अवधि के लिए लोन लेना चाहते हैं, तो क्रेडिट कार्ड लोन आपको महंगा पड़ सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि क्रेडिट कार्ड पर आपको ज्यादातर 12 फीसदी से अधिक की दर पर ही लोन मिलता है. वहीं पर्सनल लोन लेने पर आपको 10 फीसदी या 10.50 फीसदी तक ब्याज दर पर लोन मिल जाएगा. हालांकि पर्सनल लोन के लिए आपका रिकॉर्ड यानी क्रेडिट स्कोर अच्छा होना चाहिए.
पर्सनल लोन आवेदकों को पेस्लिप, आईटीआर फॉर्म और अन्य लोन अप्रूवल डॉक्यूमेंट जैसे दस्तावेज़ जमा करने होते हैं. यदि आवेदन स्वीकार किया जाता है, तो पर्सनल लोन के में लगभग 2-7 दिन लगते हैं. क्रेडिट कार्ड पहले से अप्रूव होते हैं और आमतौर पर यह राशि कर्ज आवेदन के उसी दिन कुछ ही घंटों में मिल जाती है. आपको सिर्फ कस्टमर केयर नंबर पर अपने कार्ड पर लोन के लिए रिक्वेस्ट डालनी होती है. 24 से 48 घंटे के भीतर ये अमाउंट आपके खाते में आ जाता है.
लोन की रशि की बात करें, तो क्रेडिट कार्ड लोन की अधिकतम राशि ज्यादातर कार्ड की लिमिट से कम रहती है. वहीं पर्सनल लोन की राशि 50,000 से 25 लाख रुपये तक हो सकती है. कुछ बैंक और एनबीएफसी 40 लाख तक पर्सनल लोन देने का दावा भी करते हैं.