वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान नाबार्ड (NABARD) के बांटे गए लोन 25.2% बढ़कर 6 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गए हैं. नाबार्ड ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि इन बांटे गए लोन्स में से आधा हिस्सा प्रोडक्शन और इन्वेस्टमेंट में गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि नाबार्ड (NABARD) ने 2020-21 के दौरान 34,671.2 करोड़ रुपये की कमाई की है जो कि एक साल पहले के मुकाबले 6.1% ज्यादा है.
इसके साथ ही 2020-21 में नाबार्ड (NABARD) का प्रॉफिट बिफोर टैक्स (PBT) 6,081.4 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है जो कि इससे पहले 5,234.3 करोड़ रुपये था. नाबार्ड का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) 2020-21 में बढ़कर 4,320 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है जो कि एक साल पहले की अवधि में 3,859.2 करोड़ रुपये था.
नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डिवेलपमेंट (NABARD) ने कहा है कि 31 मार्च 2021 को उसकी बैलेंस शीट का साइज 6.57 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. नाबार्ड (NABARD) के चेयरमैन जी आर चिंताला ने सालाना रिपोर्ट में कहा है, “हमने अपने टोटल एसेट्स में रिकॉर्ड सालाना 24 फीसदी ग्रोथ हासिल की है साथ ही ऐसी ही अच्छी ग्रोथ लोन पोर्टफोलियो में भी मिली है.”
उन्होंने कहा कि सरकार के आत्मनिर्भर भारत पैकेज और मेहनती किसानों की बदौलत कृषि सेक्टर में पिछले साल 3.6 फीसदी की ग्रोथ हुई है. उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में भी उन्हें ऐसी ही ग्रोथ मिलने की उम्मीद है.
एग्रीकचल्चर क्रेडिट आउटस्टैंडिंग 2020-21 में 12.3 फीसदी बढ़ा है जो कि सभी सेक्टरों में सबसे ज्यादा है.