आजकल हर कोई डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहा है. आपने देखा होगा कि आपके डेबिट कार्ड पर 16 अंकों का एक नंबर लिखा होता है. यह नंबर बहुत खास होता है और हर नंबर के पीछे आपकी जानकारी छिपी होती है. इतना ही नहीं इन 16 अंकों के हर अंक में कोई ना कोई राज छुपा होता है. जानते हैं आखिर आपके डेबिट कार्ड पर लिखा नंबर क्या कहता है…
जब आप ऑनलाइन पेमेंट करते हैं तो इन्हीं नंबरों की मदद से पेमेंट सिस्टम यह पता कर लेता है कि आपको किस नेटवर्क कंपनी की ओर से इस कार्ड को जारी किया गया है. साथ ही ये नंबर आपको आपके बैंक अकाउट के बारे में भी जानकारी देते हैं. इसके अलावा इन नंबरों की मदद से आपके कार्ड की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाती है. यही वजह है कि कार्ड गुम हो जाने पर भी कोई व्यक्ति आपके कार्ड से कोई खर्च नहीं कर सकता है.
आइए जानते हैं इन अंको के बारे में
ATM कार्ड की पहली डिजिट का मतलब होता है जिसने कार्ड जारी किया है. इसे मेजर इंडस्ट्री आइडेंटिफायर (MII- Major Industry Identifier) कहते है. यह डिजिट हर इंडस्ट्री के लिए अलग होता है.
0- ISO और अन्य इंडस्ट्री
1- एयरलाइन्स
2- एयरलाइन्स और अन्य इंडस्ट्री
3- ट्रैवेल और इंटरटेनमेंट (अमेरिकन एक्सप्रेस या फूड क्लब)
4- बैंकिंग और फाइनेंस (वीजा)
5- बैंकिंग और फाइनेंस (मास्टर कार्ड)
6- बैंकिंग और मर्चेंडाइजिंग
7- पेट्रोलियम
8- टेलिकम्युनिकेशन्स और अन्य इंडस्ट्री
9- नेशनल असाइनमेंट
पहले 6 डिजिट का मतलब:
पहले 6 डिजिटल से पता चलता है कि किस कंपनी ने यह कार्ड जारी किया है. इसे ‘इश्युअर आइडेंटिफिकेशन नंबर’ (IIN) कहा जाता है.
मास्टरकार्ड = 5XXXXX
वीज़ा = 4XXXXX
इसके बाद अंतिम डिजिट को छोड़कर यानी 7वें से लेकर 15वें डिजिट तक नंबर बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है. यह बैंक अकाउंटन नंबर नहीं होता है, पर ये अकाउंट से ही लिंक होता है. इसे लेकर आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. किसी भी व्यक्ति को इस नंबर से आपको अकाउंट के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती है. इसे कार्ड जारीकर्ता ने जारी किया है और यह यूनिक नंबर होता है.
अंतिम डिजिट का मतलब:
किसी भी डेबिट कार्ड के अंतिम डिजिट को चेकसम डिजिट कहते हैं. इस डिजिट से पता किया जाता है कि आपका कार्ड वैलिड है या नहीं.
ऑनलाइन पेमेंट करते समय आपको CVV नंबर की भी जरूरत पड़ती है. यह 3 डिजिट का नंबर होता है, जिसे कार्ड के पीछे की ओर प्रिंट किया गया होता है.
कहां इस्तेमाल होता हैं ये 16 अंकों का नंबर
डेबिट और क्रेडिट पर लिखे इन नंबरों का इस्तेमाल करके आप उस कार्ड से भुगतान कर सकते हैं. अगर आपके पास हैं डेबिट कार्ड है तो उसके साथ आपको पिन नंबर डालना होता है और अगर आपने टू स्टेप सिक्योरिटी लगाई है तो फ़ोन नंबर पर भेजा जाने वाला वन टाइम पासवर्ड भी बताना होता है. वही दूसरी और आपके पास क्रेडिट कार्ड हैं तो आपको अपने कार्ड के पीछे लिखे तीन अंकों का सीवीवी नंबर भी दर्ज करना होता है. इसके अलावा आपने सिक्योर पासवर्ड या फ़ोन पर भेजा गया वन टाइम पासवर्ड भी देना होता है, तभी आप भुगतान कर सकते हैं.