क्या है EMI फ्री लोन, यहां जानें इससे जुड़ी जरूरी बातें

EMI-फ्री लोन में मासिक ईएमआई का दबाव नहीं रहता है और अपनी सहूलियत के हिसाब से कम या ज्यादा रकम देकर लोन चुकाया जा सकता है.

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पर्सनल फाइनेंस का महत्व बहुत ज्यादा है, क्योंकि यह हमारे भविष्य को तय करता है.

पर्सनल फाइनेंस का महत्व बहुत ज्यादा है, क्योंकि यह हमारे भविष्य को तय करता है.

लोन लेने के बाद आपको उसकी EMI चुकानी पड़ती है, जो मूलतः प्रिंसिपल पेमेंट तथा मंथली इंट्रेस्ट का कुल योग होता है. लोगों की सैलरी का अधिकतर हिस्सा लोन की ईएमआई में चला जाता है, ऐसे में उनके पास कुछ और चीजों के लिए पैसे ही नहीं बचते हैं. ऐसे में एक नए तरह का लोन जिसे ‘EMI-फ्री लोन’ कहते हैं, उससे आपको बड़ी राहत मिल सकती है. EMI-फ्री लोन में मासिक EMI का दबाव नहीं रहता है और अपनी सहूलियत के हिसाब से कम या ज्यादा रकम देकर लोन चुकाया जा सकता है.

क्या है EMI-फ्री लोन

EMI-फ्री लोन में हर महीने प्रिंसिपल अमाउंट का भुगतान करने की जरूरत नहीं होती. इसके तहत कोई भी ग्राहक लोन की मूल राशि को त्रैमासिक, छमाही या अपने कैश फ्लो के हिसाब से टुकड़ों में जमा करा सकते हैं, हालांकि, इस तरह के लोन के लिए न्यूनतम सैलरी 30 हजार रुपये होना जरूरी है. इसके अलावा लिमिटेड, प्राइवेट लिमिटेड या सरकारी कंपनी में काम कर रहे लोग ही इस लोन को ले सकते हैं.

EMI-फ्री लोन के फायदे

1. कर्जधारक को हर महीने केवल इंटरेस्ट अमाउंट और हर छह महीने पर प्रिंसिपल अमाउंट का भुगतान करना होता है. अगर कर्जधारक हर महीने केवल इंटरेस्ट का भुगतान करता है तो पर्सनल लोन की तुलना में आपकी जेब पर बोझ कम होता है.

2. EMI-फ्री लोन को लेने के बाद आप शुरुआती 6 महीनों में सिर्फ EMI के ब्याज हिस्से को चुका सकते हैं. जब आपको ठीक लगता है तो आप मूलधन के 10 फीसदी का भुगतान कर सकते हैं, जिसे बुलेट रीपेमेंट कहते हैं.

जैसे-जैसे आप बड़ा अमाउंट चुकाते रहते हैं वैसे ही आपका मूलधन कम होता है और ब्याज भी कम हो जाता है. 6 महीने तक लोन डिस्बर्समेंट के बाद कर्जधारक के पास लोन क्लोज करने का विकल्प मिलता है. लोन के छह महीने पूरे होने के बाद अगर आप समय से पहले लोन का भुगतान करते हैं तो आपको कोई एक्सट्रा पे करने की जरूरत नहीं पड़ती है.

3. लोन के लिए आवेदन करने और वेरिफिकेशन हो जाने के बाद सिर्फ 24 घंटे के अंदर ही अकाउंट में लोन की रकम आ जाएगी. यह लोन 24 घंटे के भीतर मिल जाता है.

पूरी प्रक्रिया पेपरलेस और ऑटोमेटेड है, इस लोन के ऊपर कोई भी हिडेन चार्ज या प्री पेमेंट चार्ज नहीं है. मौजूदा समय में कुछ कंपनियां इस तरह के लोन मार्केट में उपलब्ध करा रही हैं. इस लोन में कर्ज लेने वाले व्यक्ति को प्रिंसिपल अमाउंट को घटाने या बढ़ाने का विकल्प मिलता है.

4. इसमें लोन और क्रेडिट कार्ड के मुकाबले छोटा कार्यकाल रहता है. अधिकतर बैंक लोन देते वक्त एक लॉक-इन पीरियड तय करते हैं, जिसमें आप एक तय समय से पहले लोन खत्म नहीं कर सकते हैं. वहीं क्रेडिट कार्ड और EMI फ्री लोन में भी शर्तें एक जैसी नहीं हैं. फिलहाल क्रेडिट कार्ड की री-पेमेंट के लिए लगभग 30 दिनों का कम समय मिलता है जो कि काफी छोटा है.

Published - July 12, 2021, 04:11 IST