किसी खाताधारक (Account Holder) की अगर मौत हो जाए तो उसके परिजन किस तरह से क्लेम ले सकते हैं. इसके लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. पहला, मृत व्यक्ति का खाता किसी अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त रूप से रखा गया था या फिर वह एकल होल्डिंग खाता था. दूसरी बात, मृतक खाताधारक (Account Holder) द्वारा नॉमिनी को जोड़ा गया था या नहीं. क्योंकि दोनों ही स्थिति में अलग-अलग तरीके से क्लेम फाइल किया जाता है.
यदि नामांकन पंजीकृत है तो दावा निपटान बैंक में मृत खाते के दावे के निपटान के उद्देश्य से, नामांकित व्यक्ति को केवल संपत्ति का संरक्षक माना जाता है, जिसके पास कानूनी उत्तराधिकारियों को संपत्ति को सही तरीके से सौंपने की जिम्मेदारी होती है. एकमात्र खाताधारक की मृत्यु होने या संयुक्त खाते के सभी संयुक्त धारकों के मृत होने की स्थिति में, एक नामित व्यक्ति बैंक के साथ दावा दायर कर सकता है. इसके लिए बैंक पासबुक, चेक बुक, मृतक का एटीएम कार्ड, मृत्यु प्रमाण पत्र, नामांकन रसीद, मृतक के साथ संबंध दिखाने वाले नामिनी का पहचान प्रमाण पत्र एवं निवास प्रमाण पत्र आदि की जरूरत होगी.
एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, ज्वाइंट अकाउंट न होने या नॉमिनी न होने पर अकाउंट होल्डर की मृत्यु होने पर क्लेम लेने के लिए कुछ बातों का ध्यान देना होगा. ऐसी स्थिति में हलफनामा दाखिल करना होगा, अगर मृतक कोई वसीयत नहीं छोड़ गया हो. दूसरी स्थिति में कानूनी उत्तराधिकारियों के बीच कोई विवाद ना हो इसके अलावा दावा करने वाला फर्जी ना हो, तब क्लेम किया जा सकता है.
जब खाता ज्वाइंट में रखा जाता है तो वित्तीय लेनदेन के लिए, हस्ताक्षर या तो पहले खाताधारक या दूसरे खाताधारक की आवश्यकता होती है. हालांकि, गैर-वित्तीय लेनदेन के मामले में, सभी बैंक खाताधारकों के हस्ताक्षर की आवश्यकता हो सकती है. ऐसे में अगर एक अकाउंट होल्डर की मौत हो जाती है तो जीवित खाताधारक को पहले अकाउंट होल्डर का मृत्यु प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी, आईडी प्रमाण की प्रति आदि जमा करनी होगी. साथ ही खाताधारक की मृत्यु के बारे में सूचित करते हुए एक लिखित आवेदन बैंक को जमा करना होगा.
इसके बाद बैंक आपसे नया खाता खोलने का फॉर्म जमा करने के लिए कहेगा. जीवित खाताधारक को फॉर्म के साथ पैन और पते के प्रमाण जैसे-आधार कार्ड की प्रति, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि और फोटोग्राफ की प्रति प्रदान करनी होगी. इन प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद मृतक अकाउंट धारक का नाम हटा दिया जाएगा. सभी दस्तावेजों की जांच की जाएगी, दावा सही पाए जाने पर दूसरा खाताधारक चाहे तो रकम निकाल सकता है या इसे आगे बढ़ा सकता है.