Jan-Dhan Accounts: फाइनेंशियल इंक्लूजन की बड़ी योजना जन-धन खाते (Jan-Dhan Accounts) से जुलाई महीने में 24 लाख नए लोगों को जोड़ा गया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब कुल खातों की संख्या 42.83 करोड़ हो चुकी है, जो कि जून तक 42.59 करोड़ थी. यानि जुलाई में इसमें 0.56 फीसदी का इजाफा हुआ है. भले ही खातों की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन इसी अवधि में इनमें कुल जमा राशि में 1208 करोड़ रुपये की कमी आई है. जुलाई अंत तक इनमें 142,948.46 करोड़ रुपये रह गए जो कि पहले 144,156.46 करोड़ रुपए थे.
जून में भी आई कमी
ठीक इसी तरह जून में भी नए खातों की संख्या में 17 लाख का इजाफा हुआ था. जबकि कुल जमा में 1575 करोड़ रुपये की कमी आई थी. असल में इन खातों में अब एटीएम कार्ड की सुविधा दी जा रही है. माना जा रहा है कि इन खातों के ग्राहक पैसा निकाल रहे हैं.
लगातार गिरावट
जुलाई में कुल डेबिट कार्ड की संख्या 311,221,421 रही जबकि जनधन खातों के ग्राहकों की संख्या 428,342,620 रही. मतलब यह है कि 72.65 फीसदी लोगों को डेबिट कार्ड की सुविधा मिल रही है. जून में यह प्रतिशत 73.01 फीसदी रहा.
बड़ा अंतर
दूसरी ओर, जनधन खातों से जुड़े डेबिट कार्ड की संख्या में, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में काफी अंतर नजर आ रहा है. वित्त वर्ष 2021 के अंत तक, लद्धाख में 90 फीसदी ग्राहकों के पास डेबिट कार्ड थे, जबकि मणिपुर में केवल 35 फीसदी ग्राहकों को यह सुविधा मिल रही थी.
PSU बैंक
जुलाई अंत तक सरकारी बैंकों में जनधन खातों की संख्या 338,449,446, या 79.01% है, जबकि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में 18.03% और निजी बैंकों में 2.94% है.
अगस्त 2014 में हुई थी लॉन्चिंग
जनधन खातों की शुरुआत अगस्त 2014 में हुई थी. इसका मकसद अधिक से अधिक लोगों तक बैंकिंग सुविधाओं को पहुंचाना है, ताकि देश में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया जा सके.