आयकर छूट की सीमा में आती है आपकी आय? जानिए क्यों आपको भी भरना चाहिए ITR

इनकम टैक्स असेसमेंट ऑर्डर का उपयोग एक वैध पते के प्रमाण के रूप में किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल आधार कार्ड के लिए भी किया जा सकता है.

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विवाद से विश्वासः इन्टरेस्ट बगैर खत्म कर सकते हैं टैक्स से जुड़े विवाद, सिर्फ 36 दिन बचे

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वित्त वर्ष 2020-21 या असेसमेंट ईयर (AY) 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर, 2021 है. 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति की 2.5 लाख रुपये सालाना तक की आय टैक्स फ्री है. 60 वर्ष से अधिक लेकिन 80 वर्ष से कम उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह छूट सीमा 3 लाख रुपये है. वहीं, 80 वर्ष से अधिक की आयु वाले व्यक्तियों (सुपर वरिष्ठ नागरिकों) के लिए छूट की सीमा 5 लाख रुपये है.

यदि आपकी आय कर छूट की सीमा से कम है, तो आपको नियम के अनुसार आईटीआर (ITR) दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, फिर भी एक्सपर्ट कहते हैं कि लोगों को अपना आयकर रिटर्न दाखिल करना चाहिए, क्योंकि इसके कई लाभ हैं। आइए जानते हैं कि ये क्या हैं-

पता व आय का प्रमाण

इनकम टैक्स असेसमेंट ऑर्डर का उपयोग एक वैध पते के प्रमाण के रूप में किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल आधार कार्ड के लिए भी किया जा सकता है. आमतौर पर, नियोक्ता अपने कर्मचारियों को फॉर्म 16 जारी करते हैं और यह एक व्यक्ति की आय के प्रमाण के रूप में कार्य करता है. आईटीआर फाइलिंग दस्तावेज स्व-रोजगार करने वाले लोगों या फ्रीलांसरों के लिए आय प्रमाण पत्र का कार्य करता है. एक वित्त वर्ष के दौरान व्यक्ति की आय और व्यय का विस्तृत विवरण इसमें दिया जाता है.

ऋण पात्रता

यदि आप Loan के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो बैंक आपकी योग्यता की जांच करते हैं, जो व्यक्ति की आय पर निर्भर करती है. ऋणदाता आय के आधार पर ही लोन की राशि तय करते हैं, जिसे, व्यक्ति द्वारा दाखिल किये गए आयकर रिटर्न के माध्यम से जांचा जा सकता है. लोन आवेदन करते समय ऋणदाता को आईटीआर दस्तावेज प्रदान करने से लोन की प्रॉसेसिंग आसान हो जाती है. आमतौर पर बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन प्रॉसेस करते समय तीन साल का आईटीआर मांगते हैं. अगर आप कार या घर खरीदने की योजना बना रहे हैं या पर्सनल लोन की तलाश कर रहे हैं, तो आईटीआर आपके लिए बहुत मददगार दस्तावेज होगा.

घाटे का क्लेम

एक करदाता को निर्दिष्ट घाटे का क्लेम करने के लिए नियत तारीख के भीतर आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है. यह घाटा पूंजीगत लाभ, व्यवसाय या पेशे के रूप में हो सकता है. इसका फायदा यह होगा कि आपका घाटा कैरी फारवर्ड हो जाएगा और इसका फायदा आपको आगे कैपिटल गेन के अगेंस्ट होगा.

वीजा पाने में भी करता है मदद

किसी व्यक्ति को वीजा जारी करने के लिए ज्यादातर देश दस्तावेजों में आईटीआर की मांग करते हैं. इससे यह जानने में मदद मिलती है कि वह व्यक्ति देश का कर-अनुपालन पूरे करने वाला नागरिक है. यह वीजा की प्रक्रिया पूरी करने वाले अधिकारियों को आपकी वर्तमान वित्तीय स्थिति और आय स्तर के बारे में एक जानकारी देता है. इसलिए भले ही आपकी आय कर योग्य ब्रैकेट से कम हो, अपना आईटीआर दाखिल करें, क्योंकि यह आपकी वीजा प्रक्रिया व अप्रूवल को आसान बना सकता है.

टैक्स रिफंड

अगर कोई व्यक्ति आईटीआर फाइल करता है, तो वह टर्म डिपॉजिट जैसे इंस्ट्रूमेंट्स से होने वाली आय पर टैक्स (Tax) बचा सकता है. साथ ही लाभांश आय पर भी कर बचाया जा सकता है. व्यक्ति आईटीआर रिफंड के माध्यम से टैक्स आउटगो का दावा कर सकता है, क्योंकि ये उपकरण करों के लिए उत्तरदायी हैं. यदि विभिन्न स्रोतों से कुल सकल आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है, तो व्यक्ति टैक्स रिफंड का दावा कर सकता है और स्रोत पर काटे गए धन को वापस पा सकता है. यह तब लागू होता है, अगर आपने इस तरह से निवेश किया है कि आपकी शुद्ध आय एक वर्ष में 2.5 लाख रुपये से कम हो.

Published - July 21, 2021, 06:52 IST