कोविड महामारी शुरू होने के दौर में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के लेनदेन (ट्रांजैक्शंस) की संख्या में दो गुना इजाफा हुआ है. दूसरी ओर, इसके प्रतिस्पर्धी अभी भी मुनाफे के लिए संघर्ष कर रहे हैं. औसतन, IPPB में प्रतिदिन 30 करोड़ रुपये के करीब 10 लाख लेनदेन दर्ज किए जाते हैं. अब इसकी योजना इंडिया पोस्ट (india post) के सहयोग से अपनी डिजिटल सेवाओं के लिए एक प्लेटफॉर्म बनाने की है.
IPPB के सीईओ और एमडी जे वेंकटरामु ने द इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि कोविड -19 महामारी के कारण लेनदेन की संख्या में अभूतपूर्व दर से वृद्धि हुई, जिससे लोगों की आवाजाही कम हो गई. उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 15 महीनों में लगभग 4.5 लाख ग्राहकों ने डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया.
डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र एक दस्तावेज है जो वरिष्ठ नागरिकों को अधिकारियों के सामने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए बिना अपने जीवन का प्रमाण ऑनलाइन अपलोड करने में सक्षम बनाता है. पेंशन योजनाओं के लिए यह दस्तावेज अनिवार्य है. वेंकटरामु ने आगे कहा कि इंडिया पोस्ट के विशाल नेटवर्क और IPPB की डिजिटल तकनीकों के बीच सहयोग ग्रामीण भारत में बैंकिंग क्षेत्र में चमत्कार पैदा करेगा. इसके लिए अब एक डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जा सकता है.
पोस्ट ऑफिस के इंडिया पोस्ट बैकिंग ग्राहकों को अब अपने IPPB खातों का उपयोग करके PPF, सुकन्या समृद्धि और RD जैसी योजनाओं में ऑनलाइन फंड ट्रांसफर करने की सुविधा होगी. वे इंटरनेट का उपयोग करके और बैंक में आए बिना बैंकिंग सुविधाओं का आनंद ले सकते हैं.
IPPB ने भारतीय डाक के ग्रामीण डाक सेवक की मदद से एक सहायक डिजिटल सेवा प्लेटफॉर्म विकसित किया है जो विभिन्न बैंकिंग सेवाएं प्रदान करता है. सभी डाकघरों को कोर बैंकिंग का उपयोग करके जोड़ा गया है और अब सभी बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते हैं.
2018 में लॉन्च किया गया IPPB पहले से ही प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है जो विभिन्न लाभार्थियों को अनुदान भेजता है. अब तक इसकी 650 शाखाएं हैं जिनमें जमा राशि 2,500 करोड़ रुपये से अधिक है. इसके अलावा, आईपीपीबी ने सहायक मॉडल में दोपहिया और चौपहिया बीमा शुरू किया है जो आईपीपीबी ग्राहकों को डाकिया की मदद से या डाकघर के माध्यम से अपने वाहनों का बीमा कराने की अनुमति देगा.