मौजूदा समय में एक व्यक्ति के पास कई बैंक अकाउंट का होना आम बात है. ऐसे में सभी खातों का संचालन आसान नहीं हो पाता है. लंबे समय तक खाते में किसी प्रकार का ट्रांजैक्शन न होने पर निष्क्रिय (Inoperative Account) हो जाता है. अब ऐसे में मन में सवाल उठता है कि अगर इसे दोबारा शुरू कराएं तो बैंक शुल्क तो नहीं वसूल लेगा? जवाब है, नहीं. अब यह जानना जरूरी है कि कैसे अपने निष्क्रिय खाते (Inoperative Account) को दोबारा सक्रिय कर सकते हैं.
लंबे समय तक लेनदेन न होने पर खाता कर दिया जाता निष्क्रिय
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार जिन बैंक खातों में दो वर्ष से अधिक समय से कोई परिचालन नहीं हुआ है तो ऐसे खाते निष्क्रिय मान लिए जाते हैं. यह नियम बचत और चालू, दोनों तरह के खातों पर लागू होता है. अगर आपके एक से ज्यादा बैंक खाते हैं तो उन्हें एक्टिव रखने के लिए हमेशा थोड़ा-बहुत लेनेदेन करते रहें. नेट बैंकिंग के समय में अपने खाते को बड़ी आसानी से एक्टिव मोड में रखा जा सकता है.
नहीं लगेगा शुल्क
बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व प्रबंधक अमरदीप कौशिक के मुताबिक, आरबीआई के नियमानुसार खाते को दोबारा एक्टिव कराने के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं लगता है. अगर ग्राहकों को किसी बैंक खाते में कोई लेनदेन न करना होता तो वह इसे समय रहते बंद करा दें. ऐसे में फ्रॉड होने की आशंका ज्यादा होती है.
बैंक करता है संपर्क
अगर खाते में एक साल तक कोई लेनदेन नहीं होता तो बैंक खाताधारक को संपर्क करने की कोशिश करता है. संपर्क करने पर अगर कोई जवाब नहीं मिलता है तो बैंक खाताधारक को दो से तीन महीने तक संपर्क करने की कोशिश करता रहेगा. जवाब न मिलने पर खाते को दो वर्ष तक इनएक्टिव कर दिया जाएगा. दो वर्ष तक कोई वैध लेनदेन न होने पर खाता इनऑपरेटिव घोषित कर दिया जाता है.
विभिन्न सेवाएं हो जाती हैं बंद
बैंक इनएक्टिव या इनऑपरेटिव खाते से एटीएम, इंटरनेट बैंकिंग, फोन बैंकिंग और अन्य सेवाएं बंद कर सकते हैं. साथ ही एकाउंट का स्टेटस कुछ भी हो, खाते में नियमित रूप से ब्याज क्रेडिट किया जाता रहेगा.
ऐसे करें खाते को एक्टिव
इनऑपरेटिव खाते को ऑपरेटिव खाता 24 घंटों में कर दिया जाता है. एक्टिव करवाने के लिए ब्रांच मैनेजर के नाम से आवेदन करें. इसमें खाते का इनऑपरेटिव होने का कारण बताएं और अकाउंट को एक्टिव करने के कारण स्पष्ट करें. साथ ही पहचान प्रमाण, पासबुक या बैंक की चेक बुक जमा करें. नो योर कस्टमर की औपचारिकता के बाद बैंक ग्राहक के एकाउंट को एक्टिव मोड में 24 घंटों के भीतर रख देता है. अकाउंट के एक्टिव होने पर लेनदेन शुरू कर दें.