अब नेटवर्क के बिना भी हो जाएगी शॉपिंग, इन दो बैंकों ने शुरू किया फीचर

वीजा ने ऑफलाइन भुगतान के लिए स्टोर्ड वैल्यू कार्ड के लिए प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (पीओसी) पहले ही स्थापित कर लिया है.

Tokenization

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कार्ड इश्यूअर को टोकन सर्विस प्रोवाइडर्स (TSP) के रूप में कार्ड टोकनाइजेशन सर्विस प्रोवाइड करने की परमिशन दी है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कार्ड इश्यूअर को टोकन सर्विस प्रोवाइडर्स (TSP) के रूप में कार्ड टोकनाइजेशन सर्विस प्रोवाइड करने की परमिशन दी है.

डिजिटल इंडिया के दौर में भारत की बैंकिंग सेवा तेजी से आधुनिक हो रही है. लोग तेजी से क्रेडिट एवं डेबिट कार्ड से पेमेंट कर रहे हैं. लेकिन अक्सर उन जगहों पर पेमेंट में परेशानी आती है जहां पर इंटरनेट नेटवर्क या तो नहीं होता है या फिर स्पीड बहुत धीमी होती है. अब जल्द ही इस मुश्किल से राहत मिल सकती है. कार्ड पेमेंट सेवा प्रदान करने वाली कंपनी वीजा जल्द ही एक नई सुविधा पेश करने जा रही है. इसके तहत आप अपने बैंक में अनुरोध कर कार्ड के चिप में 2000 रुपये तक जमा कर सकते हैं, जिसके बाद आप बिना नेटवर्क के भी आसानी से पेमेंट कर पाएंगे.

टाइम्स आफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार, वीजा ने ऑफलाइन भुगतान के लिए स्टोर्ड वैल्यू कार्ड के लिए प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (पीओसी) पहले ही स्थापित कर लिया है. इसके लिए वीजा ने पेमेंट सॉल्यूशन फर्म इनोविटी के साथ साझेदारी की है. PoC को यस बैंक और एक्सिस बैंक के साथ साझेदारी में एग्जिक्यूट किया गया है. स्टोर्ड वैल्यू कार्ड प्रीपेड कार्ड से भिन्न होते हैं, जहां नेटवर्क क्लाउड पर ऑथराइजेशन होता है.

कैसे काम करेगी सुविधा

इस नए वीजा डेबिट कार्ड में चिप में 2,000 रुपये की दैनिक खर्च सीमा स्टोर होगी. इसकी प्रति लेनदेन सीमा 200 रुपये होगी. यह लिमिट आरबीआई ने तय की थी. यानी आप बिना नेटवर्क के इस तरह के डेबिट कार्ड से एक बार में 200 रुपये का ट्रांजेक्शन कर सकेंगे, कुल मिलाकर 2000 रुपये का ट्रांजेक्शन ऑफलाइन हो सकेगा. इसके लिए आपको अपने बैंक से संपर्क कर पैसे कार्ड में जमा करना होगा. यदि शेष राशि अपर्याप्त है तो लेन-देन अस्वीकृत कर दिया जाएगा, जिससे यह प्रस्ताव कार्डधारकों और व्यापारियों के लिए अनुकूल हो जाएगा. व्यापारी भी कम फ्रिक्शन और भुगतान विफलताओं का जोखिम कम हो जाने से राजस्व प्राप्त कर सकेंगे. वीजा का यह समाधान अपनी तरह का पहला है और भारतीय बाजार में प्रवेश करने के लिए तैयार है.

डिजिटल पेमेंट की नेटवर्क पर निर्भरता

आरबीआई बैंकों से ऑफलाइन डिजिटल लेनदेन के समाधान के साथ आने का आग्रह करता रहा है ताकि लेनदेन खराब दूरसंचार इंफ्रास्ट्रक्चर या नेटवर्क टूटने के दौरान भी जारी रह सकें. डिजिटल पेमेंट काफी हद तक मोबाइल नेटवर्क पर निर्भर हैं और एक क्षेत्र में एक आउटेज के परिणामस्वरूप बड़ी लेनदेन विफलता हो सकती है. भारत में डिजिटल ट्रांजेक्शन फेल होने के पीछे इंटरनेट स्पीड एक महत्वपूर्ण कारण भी है. ऐसे में वीजा की ओर से दी जा रही आफलाइन पेमेंट की सुविधा कार्ड पेमेंट की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है.

Published - September 8, 2021, 01:52 IST