सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी (फिनटेक) क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है. यह कहना है केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री भागवत के कराड का. उन्होंने बुधवार को उद्योग मंडल एसोचैम के एक वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मूल्य के हिसाब से 2025 तक देश का फिनटेक क्षेत्र तीन गुना होकर 6,20,700 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा. कराड ने कहा कि उभरते बाजारों में भारत फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी को अपनाने में सबसे आगे है. बीते साल मार्च, 2020 तक भारत में फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी को स्वीकार करने की दर 87 प्रतिशत थी, जबकि इसका ग्लोबल एवरेज 64 प्रतिशत था. कराड ने कहा, 2019 में भारत का फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी मार्केट 1,920 अरब रुपये था, 2025 तक इसके 6,207 अरब रुपये पर पहुंचने की उम्मीद है. स्किल्ड मैनपावर की वजह से भारत वित्तीय प्रौद्योगिकी के विकास की दृष्टि से शानदार मार्केट साबित हो रहा है.
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि डिजिटल लेनदेन में भारत पहले स्थान पर है. भारत में कुल डिजिटल लेनदेन का आंकड़ा 25 अरब को पार कर चुका है. उन्होंने कहा कि भारत में प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत बैंक खातों तक पहुंच, डिजिलॉकर और यूपीआई आदि के जरिये फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी के विकास के लिए बेहतर ऑप्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
कराड ने कहा कि सरकार एक मजबूत और सुरक्षित प्रौद्योगिकी तंत्र विकसित करने का प्रयास कर रही है. हमें भरोसा है कि सार्वजनिक निजी भागीदार से वित्तीय समावेशन बढ़ेगा और सभी भारतीयों को आधुनिक फाइनेंशियल सर्विस उपलब्ध हो सकेंगी.
उन्होंने इस बात को पाइंट करते हुए कहा कि मॉडर्न टेक्नोलॉजी वित्तीय समावेशन के लिए सबसे मजबूत माध्यम है. महामारी के दौरान एक क्लिक करने पर खातों में करोड़ों रुपये का ट्रांसफर हुआ है. उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान समाज के गरीब तबकों के खातों में कैश ट्रांसफर में वित्तीय समावेशन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.