रिटायर हो चुके हैं तो इन बैंकों की FD में मिलेगा बढ़िया रिटर्न, यहां जानें इंटरेस्ट रेट

कुछ Small Finance Banks या SFB सीनियर सिटीजंस को 7 फीसदी ब्याज दे रहे हैं. इनके मुकाबले प्राइवेट और सरकारी दोनों ही बैंक कम ब्याज ऑफर कर रहे हैं.

tax saving FD: these banks are offering interest rates of up to 6.75%

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट में पांच साल या उससे अधिक की लॉक-इन अवधि होती है.

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट में पांच साल या उससे अधिक की लॉक-इन अवधि होती है.

रिटायर हो चुके लोगों के लिए सुरक्षित निवेश के साथ थोड़ा सा ज्यादा रिटर्न हासिल करने की खोज एक लगातार जारी प्रक्रिया होती है. इनमें से ज्यादातर के पास कमाई के लिए ब्याज के अलावा दूसरा कोई जरिया नहीं होता है.

ऐसे हालात में स्मॉल फाइनेंस बैंक थोड़ा सा ज्यादा ब्याज ऑफर कर रहे हैं और ऐसी स्कीमों की ओर सीनियर सिटीजंस आकर्षित हो सकते हैं.

स्मॉल फाइनेंस बैंक (Small Finance Banks या SFB) खास तरह की कैटेगरी में आते हैं. इन बैंकों का मुख्य तौर पर फोकस समाज के कमजोर तबकों को बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराना होता है.

देश में फिलहाल करीब 10 स्मॉल फाइनेंस बैंक काम कर रहे हैं. इन्हें RBI (रिजर्व बैंक) ने लाइसेंस दिया है.

आकर्षक ब्याज दरें

कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंक (Small Finance Banks या SFB) सीनियर सिटीजंस को 7 फीसदी ब्याज दे रहे हैं. इनके मुकाबले प्राइवेट और सरकारी दोनों ही बैंक कम ब्याज ऑफर कर रहे हैं.

मिसाल के तौर पर, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और HDFC बैंक 3 साल की FD पर सीनियर सिटीजंस को क्रमशः 5.8 फीसदी और 5.65 फीसदी ब्याज दे रहे हैं.

ये स्मॉल फाइनेंस बैंक दे रहे बढ़िया ब्याज

सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक 2-3 साल की FD पर 7.5% तक ब्याज ऑफर कर रहा है. दूसरी तरफ, AU स्मॉल फाइनेंस बैंक 7% ब्याज ऑफर कर रहा है.

इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक में सीनियर सिटीजंस को  अधिकतम 7% ब्याज मिलता है. बैंक की ये ब्याज दर 888 दिन के टेन्योर वाली FD पर ऑफर की जाती है.

स्मॉल फाइनेंस बैंक (Small Finance Banks या SFB)

2014-15 के यूनियन बजट में पहली बार इन स्मॉल फाइनेंस बैंकों (Small Finance Banks) की स्पेशल कैटेगरी बनाने का ऐलान किया गया था.

इसके पीछे मुख्य रूप से फोकस समाज के गरीब और हाशिये पर मौजूद तबके को वित्तीय सेवाएं मुहैया कराना और इन्हें बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना है.

SFB को RBI के जरिए रेगुलेट किया जाता है और ये दूसरे कमर्शियल बैंकों की तरह से ही नियमों के दायरे में आते हैं.

इन बैंकों के लिए अपने 75% लोन प्राथमिक सेक्टर को देना अनिवार्य है. चूंकि, इन बैंकों का किसी एक बड़े कॉरपोरेट ग्रुप को कर्जों का बड़ा एक्सपोजर नहीं होता है, ऐसे में ये अपेक्षाकृत सुरक्षित माने जाते हैं.

हालांकि, कुछ इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स ये सलाह देते हैं कि आपको अपना पूरा पैसा स्मॉल फाइनेंस बैंकों में नहीं लगाना चाहिए.

Published - June 3, 2021, 01:55 IST