क्या आपको मालूम है कि अगर किसी कारणवश आपका चेक (Cheque) अस्वीकृत होता है तो बैंक आपको पूरे ब्यौरे के साथ इसकी जानकारी देता है? रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार, डिजॉनर होने पर बैंक को हर हाल में 24 घंटे के भीतर खाताधारक को सही विवरण के साथ चेक (Cheque) लौटाना होगा. हालांकि, ज्यादातर बैंक इस प्रक्रिया को झंझट मानकर इसका पालन नहीं करते हैं. बैंक में जमा किए गए चेक गुम होने पर या किसी व्यक्ति का बाउंस हुआ चेक (Cheque) अगर बैंक में वापस आता है और वो चेक गुम हो जाता है तो उसकी पूरी जिम्मेवारी बैंक की होती है. बैंक को ग्राहक को उसके पूरे पैसे चुकाने पडते हैं. चेक गुम होने की जिम्मेदारी बैंकर की होती है, खाताधारक की नहीं.
दरअसल 2019 में एक केस में चेक गुम होने की स्थिति में नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमिशन ने बैंक ऑफ बड़ौदा को आदेश देते हुए शिकायतकर्ता को 3 लाख रुपए से अधिक का भुगतान करने का फैसला सुनाया था. इस केस में शिकायतकर्ता चित्रोदिया बाबूजी दीवानजी का चेक बैंक की गलती से गुम हो गया था. चेक बाउंस हो गया था, लेकिन शिकायतकर्ता को चेक रिटर्न मेमो भी नहीं दिया गया. शिकायतकर्ता द्वारा इसकी शिकायत की गई, लेकिन बैंक की ओर से कोई सुनवाई नहीं हुई. एनसीडीआरसी ने आदेश दिया था कि चूंकि विवादास्पद चेक बैंक द्वारा गुम हुआ, इसलिए नुकसान की भरपाई करना बैंक की जिम्मेदारी है. इस फैसले को गुजरात राज्य उपभोक्ता आयोग ने भी सही ठहराया था और दीवानजी के पक्ष में फैसला देते हुए बैंक को उन्हें 3.6 लाख रुपये भुगतान करने का आदेश दिया था.
– चेक बाउंस होने पर बैंक ग्राहक को एक रसीद दी जाती है जिसमें चेक बाउंस होने की वजह लिखी होती है.
– ऐसे समय में 30 दिन के अंदर एक लीगल नोटिस देनदार के पास भेजा जाता है जिसने चेक दिया है.
– इसके बाद भी अगर आपको आपका पैसा नहीं मिलता है तो आप नोटिस भेजने के 15 दिन बाद जिले की कोर्ट में वकील की मदद से केस दर्ज कर सकते है.
– तब कोर्ट आरोपी को सजा के साथ में जितनी राशि थी उसका 2 गुना भी देना पड़ सकता है. सही समय पर यह कदम उठाने पर आपका पैसा डूबने से बच सकता है.
कुछ मामूली उपायों पर गौर करके आप चेक को डिजॉनर होने से बचा सकते हैं. चेक पर ओवर-राइटिंग नहीं करनी चाहिए. चेक जमा करने से पहले यह अच्छी तरह से देख लेना चाहिए कि भुगतान पाने वाले व्यक्ति का नाम और तारीख सही है या नहीं. कई बार संभव है कि बैंक आपको ड्रॉप बॉक्स में चेक डालने को कहे, लेकिन अगर चेक की रकम ज्यादा हो तो काउंटर पर जमा करके मोहर लगी अधकटी (स्लिप) सुबूत के तौर अवश्य लेनी चाहिए.