अगर आपका बैंक अकाउंट IDBI Bank में है तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है. क्योंकि, सरकार बैंक में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने जा रही है. IDBI Bank में सरकारी हिस्सा बेचने की तैयारी पूरी हो गई है. केंद्र सरकार लंबे समय से IDBI Bank में हिस्सेदारी बेचने की कोशिश कर रही है. लेकिन कोरोना संकट की वजह से देरी हो रही है. इस साल बजट में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बैंक का जिक्र किया था. बता दें कि बैंक को संकट से उबारने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और सरकार ने बैंक में इक्विटी पूंजी के रूप में 9,300 करोड़ रुपए का निवेश किया था.
बजट में निर्मला सीतारमण ने वित्त-वर्ष 2021-22 में IDBI Bank में हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव रखा था. इसके बाद 10 मार्च को रिजर्व बैंक ने IDBI को प्रॉम्पट करेक्टिव एक्शन (PCA) फ्रेमवर्क से बाहर कर दिया है. अब खबर है कि सरकार इस बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने जा रही है. कैबिनेट में IDBI बैंक में अपनी 45.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव पर विचार कर सकती है. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) विनिवेश के प्रोसेस को आगे बढ़ाएगा.
खबर का असर यह है कि मंगलवार को IDBI Bank के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली. NSE पर शेयर का भाव 8 फीसदी उछलकर 36.40 रुपए पर पहुंच गया. बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट की मानें तो सरकार IDBI बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने से पहले LIC से राय लेगी. बता दें, LIC की IDBI में 49.2 फीसदी हिस्सेदारी है. वित्त मंत्री ने बजट में IDBI Bank बैंक अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था. खबर है कि केंद्र सरकार ने 4 सरकारी बैंकों को शॉर्टलिस्ट कर लिया है, जिसमें से दो बैंकों का निजीकरण पर बुधवार को फैसला हो सकता है.
केंद्र सरकार ने अगले वित्त वर्ष (2021-22) के दौरान विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है. बैंकों के निजीकरण के अलावा सरकार ने एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी को भी अगले वित्त वर्ष में निजीकरण करने का फैसला लिया है. IDBI बैंक में सरकारी हिस्सेदारी बेचने से ग्राहकों पर कोई असर नहीं होगा. बैंक की सभी सर्विसेज बरकरार रहेंगी.
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