LIC के कंट्रोल वाला IDBI बैंक पांच साल बाद मुनाफे में आ गया है. मार्च 2021 में खत्म हुए वित्त वर्ष में IDBI बैंक ने 1,359 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हासिल किया है.
मार्च तिमाही में हुआ 512 करोड़ रुपये का प्रॉफिट
इससे ठीक पहले वाले वित्त वर्ष (2019-20) में बैंक को 12,887 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ था.
2020-21 की आखिरी तिमाही में IDBI बैंक का मुनाफा करीब चार गुना बढ़कर 512 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
बैंक को इससे एक साल पहले की इसी तिमाही में 135 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हुआ था.
टर्नअराउंड करने में सफल रहा बैंक
इसी साल मार्च में बैंक रिजर्व बैंक के प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) से बाहर निकला है.
बैंक ने कहा है कि उसकी टर्नअराउंड की रणनीतियों से वह खुद को मुनाफे में लाने में सफल हुआ है.
आमदनी में इजाफा
2020-21 की चौथी तिमाही में बैंक की कुल आमदनी बढ़कर 6,969.59 करोड़ रुपये रही है जो कि इससे एक साल पहले इसी तिमाही में 6,924.94 करोड़ रुपये थी.
पूरे साल की आमदनी की अगर बात करें तो ये पहले के 25,295 करोड़ रुपये से गिरकर 24,557 करोड़ रुपये पर आ गई है.
NPA में सुधार
इस दौरान बैंक का ग्रॉस एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) रेशियो सुधकर 22.37 फीसदी हो गया है जो कि एक साल पहले 27.53 फीसदी था.
IDBI बैंक ने कहा है कि इस दौरान उसका नेट एनपीए पहले के 4.19 फीसदी से सुधरकर 1.97 फीसदी पर आ गया है.
रिकवरी में इजाफा
बैंक ने कहा है कि तकनीकी रूप से राइट ऑफ कर दिए अकाउंट्स से उसकी रिकवरी में भी सुधार हुआ है.
2020-21 की चौथी तिमाही मे ये रिकवरी बढ़कर 269 करोड़ रुपये हो गई है जो कि एक साल पहले इसी अवधि में 105 करोड़ रुपये थी.
प्रोविजंस बढ़े
बैड लोन्स और आकस्मिक स्थितियों के लिए बैंक के प्रोविजंस भी गुजरी तिमाही में बढ़कर 2,457 करोड़ रुपये पर पहुंच गए हैं. ये एक साल पहले की मार्च तिमाही में 1,584 करोड़ रुपये पर थे.
बैंक ने कहा है कि उसने मार्च 2021 के अंत में कोविड के संबंध में 363 करोड़ रुपये के प्रोविजंस किए हैं.