2016 के विमुद्रीकरण के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था में कई अहम बदलाव आए हैं. डिजिटल ट्रांसजेक्शन में तेजी बढ़ोतरी हो रही है और फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी सेक्टर में भी अच्छा उछाल आया है. हाल ही में RBI ने RTGS और NEFT पर कोई शुल्क नहीं लगाने का फैसला किया. लेकिन, तत्काल भुगतान सेवा यानी IMPS पर अभी भी शुल्क लगेगा. हालांकि, RTGS और NEFT के मुकाबले IMPS में कुछ अधिक सुविधाएं होती हैं.
यह एक तरह का रियल-टाइम ट्रांजैक्शन होता है. जब कोई व्यक्ति पेमेंट रिक्वेस्ट करता है तो तत्काल उसके खाते से पैसा कटकर लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर हो जाता है. लेकिन RTGS और NEFT में आधे से दो घंटे का वक्त लगता है.
IMPS शुल्क, ट्रांसफर की गई राशि की मात्रा और बैंक पर निर्भर करता है. आमतौर पर, 10 हजार से 5 लाख रुपये तक के पेमेंट के लिए यह 2.50 रुपये से 25 रुपये तक के बीच होता है. हालांकि, अभी IMPS के जरिए 5 लाख रुपये से अधिक का पेमेंट नहीं किया जा सकता. पहले यह सीमा 2 लाख रुपये थी.
SBI:- यह बैंक सभी IMPS ट्रांजेक्शन पर कोई शुल्क नहीं ले रहा है.
PNB:- इसके ग्राहकों को 1 लाख रुपये के IMPS ट्रांजैक्शन के लिए 5 रुपये जबकि 1 लाख से 5 लाख रुपये के लिए 10 रुपये का शुल्क देना होता है. साथ ही इस पर 5 फीसदी का जीएसटी भी लगता है.
BoB:- बैंक ऑफ बड़ौदा में 1 लाख रुपये के लेनदेन पर 5 रुपये के साथ जीएसटी भी देना होता है. इसके ऊपर के लेनदेन पर 15 रुपये का शुल्क देना होता है.
HDFC Bank:- यहां 1 हजार रुपये के लेनदेन पर 3.5 रुपये और जीएसटी अदा करना होता है. इससे ऊपर की राशि, 1 लाख रुपये तक के लिए 5 रुपये और 1 लाख से 5 लाख रुपये पर 15 रुपये का शुल्क देना पड़ता है.
ICICI Bank:- इस बैंक के शुल्क भी HDFC बैंक की तरह ही हैं.
Axis Bank- यहां, 1 हजार पर 2.5 रुपये और 1 लाख रुपये तक पर 5 रुपये तथा 1 से 5 लाख रुपये पर 15 रुपये का शुल्क लगता है. जीएसटी भी जोड़ा जाता है.
IMPS, की सेवा चौबीसों घंटे उपलब्ध रहती है. यह बहुत आसान और सुरक्षित भी होता है. इसके लिए आपके बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और लाभार्थी का MMID होना चाहिए. इस सेवा का इस्तेमाल मोबाइल और नेट बैंकिंग के जरिए किया जा सकता है. भुगतान की प्रक्रिया पूरी होने पर दोनों ही पक्षों को मैसेज प्राप्त होता है.
NEFT या RTGS के जरिए हम अधिकतम 10 लाख रुपये का ट्रांसफर कर सकते हैं. लेकिन IMPS में यह सीमा 5 लाख रुपये की है. NEFT में खाता संख्या और IFSC कोड की जरूरत होती है. IMPS में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और खाताधारकों की MMID ID देना होता है. NEFT मुफ्त सेवा होती है, किंतु IMPS पर शुल्क देना होता है.