Home Loan: अगर आप 2021 में पहली बार घर खरीदने वाले हैं, तो आप अपने होम लोन (Home Loan) पर इनकम टैक्स बेनिफिट प्राप्त करने के हकदार हैं. होम लोन लेने पर मासिक भुगतान में लोन के दो घटक शामिल होते हैं – मूलधन और ब्याज. आयकर अधिनियम इन दोनों घटकों पर टैक्स बेनिफिट सुनिश्चित करता है. पहली बार घर खरीदने वाले अपने कर्ज पर आयकर अधिनियम की तीन धाराओं – धारा 80C, धारा 24 और धारा 80EEA के तहत इनकम टैक्स बेनिफिट प्राप्त करने के पात्र हैं. आयकर अधिनियम के ये सभी खंड सालाना 5 लाख रुपये की अधिकतम कर छूट प्रदान करते हैं.
Easiloan के को-फाउंडर और सीईओ प्रमोद कथूरिया ने बताया, “पहली बार घर खरीदने वाले अपने कर्ज पर आयकर अधिनियम की तीन धाराओं – धारा 80C, धारा 24 और धारा 80EEA के तहत इनकम टैक्स बेनिफिट प्राप्त करने के पात्र हैं.
धारा 80C के तहत, साल के दौरान चुकाए गए होम लोन के मूलधन के भुगतान पर 1.5 लाख रुपये तक टैक्स में छूट पाया जा सकता है.
धारा 80C के तहत टैक्स सेविंग कंपोनेंट का लाभ उठाने के लिए, प्रॉपर्टी का कंस्ट्रक्शन पहले पूरा किया जाना चाहिए ताकि धारा 80C के तहत लाभ का दावा किया जा सके. इसके अलावा, प्रॉपर्टी को कब्जे के पांच साल के भीतर नहीं बेचा जाना चाहिए.
कथूरिया ने कहा, “अगर आप अपने घर को कब्जे के पांच साल के भीतर बेचते हैं, तो दावा की गई कोई भी छूट उस वर्ष में वापस कर दी जाएगी जिसमें इसे बेचा गया था. इस राशि को बिक्री वर्ष की आय में भी जोड़ा जाएगा.”
करदाता कुछ शर्तों को पूरा करने करते हुए होम लोन पर चुकाए गए ब्याज के लिए 1.5 लाख रुपये तक के अतिरिक्त छूट का दावा कर सकता है.
इस धारा के तहत, संपत्ति का स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू 45 लाख रुपये तक होना चाहिए, और ऋण स्वीकृति की तारीख 1 अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2022 के बीच होनी चाहिए. यह छूट आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत ब्याज भुगतान के लिए 2 लाख रुपये की कटौती के अतिरिक्त है.
सेल्फ ऑक्युपाइड प्रॉपर्टी के मामले में धारा 24 के तहत, 200,000 रुपये तक के होमलोन पर अर्जित ब्याज की राशि को प्रत्येक कर अवधि के लिए छूट के रूप में क्लेम किया जा सकता है.
अगर प्रॉपर्टी किराए पर दी गई है, तो भुगतान किए गए पूर्ण ब्याज पर भी डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. किराए की प्रॉपर्टी पर ब्याज कटौती के लिए क्लेम करने की कोई ऊपरी सीमा नहीं है. यह डिडक्शन केवल उसी साल से क्लेम किया जा सकता है, जिसमें घर का निर्माण पूरा हुआ है.
RSM इंडिया के संस्थापक सुराना ने कहा, “ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर ब्याज के लिए कटौती का दावा धारा 80EEA के तहत किया जाता है, तो ब्याज की ऐसी राशि (या ब्याज भुगतान का ऐसा हिस्सा) को फिर से धारा 24 के तहत कटौती के रूप में दावा नहीं किया जा सकता.
उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि एक हाउसिंग लोन पर ब्याज 350,000 रुपये है, तो उस स्थिति में धारा 24 के तहत कटौती 200,000 रुपए और धारा 80EEA के तहत 150,000 रुपए होगी.
अगर हाउस प्रॉपर्टी सेल्फ ऑक्युपाइड है तो 2,00,000 रुपये तक के होम लोन पर अर्जित ब्याज की राशि को IT अधिनियम की धारा 24 के तहत हर कर अवधि के लिए डिडक्शन के तौर पर क्लेम किया जा सकता है.”
इन सभी आयकर लाभों के अलावा, अगर कोई महिला घर खरीदती है तो इस स्थिति में उसके लिए कुछ अतिरिक्त लाभ की व्यवस्था की गई है. वह एक पुरुष की तरह आयकर कानूनों के तहत ऊपर बताए गए सभी लाभों का दावा कर सकती है.
Customer Interaction, Quantum AMC के वाइस प्रेसिडेंट संदीप भोसले ने कहा, “अगर महिला घर की मालिक है तो ऐसे में कुछ राज्य सरकारों ने स्टाम्प ड्यूटी पर एक से दो फीसदी का लाभ दिया है.
अगर पति-पत्नी दोनों संयुक्त रूप से घर खरीदते हैं, तो उस मामले में आयकर लाभ नियम समान रहते हैं. हालांकि, पति और पत्नी दोनों अपनी व्यक्तिगत फाइलों में उचित रूप से कर लाभ का दावा कर सकते हैं.”
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स आपको बचत शुरू करने की सलाह देते हैं. कई व्यक्तियों के लिए, घर खरीदना एक आम मकसद होता है. घर खरीदने के लिए जितनी जल्दी हो सके प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए. घर खरीदने का समय भी तय कर लेना चाहिए.
Tax2win.in के CEO और को-फाउंडर अभिषेक सोनी कहते हैं, “आप घर खरीदने के लिए एक बजट तय कर सकते हैं, और मुद्रास्फीति की दर को देखते हुए बचत की राशि का निवेश करना शुरू किया जा सकता है.
उदाहरण के लिए, 25 साल की उम्र में या आज से 7 साल बाद आप एक घर खरीद सकते हैं और उसके अनुसार योजना बनाना शुरू कर सकते हैं.”
जल्दी शुरू करने से आपको निवेश की अवधि में चक्रवृद्धि निवेश लाभ प्राप्त करने में मदद मिलती है जिसे आप व्यवस्थित निवेश योजनाओं, आवर्ती जमा या ऐसे किसी भी साधन के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं.
कथूरिया ने कहा, “शुरुआती चरण में देनदारियां सीमित होती है और बचत क्षमता अधिक है. एक नियोजित और अनुशासित तरीके से आप आवश्यक राशि बचा सकते हैं.”
घर खरीदने की योजना बनाते समय होम लोन से सहायता लेना गलत नहीं है, लेकिन डाउन पेमेंट चुकाने के लिए भी कर्ज लेना गलत है, इसलिए डाउन पेमेंट के लिए प्लानिंग जरूरी है.
Fintoo के संस्थापक मनीष हिंगर का कहना है, “डाउन पेमेंट के लिए बचत करते समय, पंजीकरण शुल्क, लोन एप्लिकेशन फीस और मूविंग शुल्क जैसे अतिरिक्त खर्चों के लिए बचत करना न भूलें.
” SAG Infotech के एमडी अमित गुप्ता ने कहा, “अगर कोई होम लोन लेने की तैयारी कर रहा है, तो उसका नियम यह है कि वह लोन की रकम के बदले अपने नेट सैलरी का 25 फीसदी से ज्यादा इस्तेमाल न करे.”
आपको पंजीकरण और स्टांप ड्यूटी फीस, इंटीरियर और रखरखाव शुल्क समेत अन्य अतिरिक्त खर्चों की भी अनदेखी नहीं करनी चाहिए जो आपको चुकाने होंगे. इससे आपको अपने लक्ष्यों को जानने और उनके अनुसार योजना बनाने में आसानी होगी.