Home Loan: होम लोन के लिए कई विकल्प मौजूद हैं. प्रत्येक बैंक होम लोन (Home Loan) पर अलग अलग ब्याज दरें ऑफर कर रहे हैं.
ऐसे में कौन से बैंक की ब्याज दरें बेहतर हैं, ये पता करना कठिन हो जाता है. आज हम आपकी यही मदद करने जा रहे हैं.
प्रॉपर्टी कहां खऱीद रहे हैं, उस आधार पर भी ऋणदाता (lender) को प्राथमिकता दी जा सकती है. क्योंकि सब ऋणदाता हर जगह सक्रिय नहीं होते हैं.
ऐसे ऋणदाता का चयन करना अधिक सुविधाजनक होगा, जिसकी ब्रांच आपकी प्रॉपर्टी और कार्यस्थल के पास हो.
कुछ ऋणदाता अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री वाले को ही लोन देते हैं. आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो या फिर आप नेगेटिव लिस्ट में शामिल सेक्टर में काम करते हों, तो लोन मिलना मुश्किल है, लेकिन नामुमकिन नहीं.
कुछ NBFCs ऐसे लोगों को भी लोन देते हैं, लेकिन इंटरेस्ट रेट ज्यादा होता है. आपको अपनी क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर ऋणदाता को चुनना चाहिए. आप जिस केटेगरी में है, उस केटेगरी में जो ऋणदाता सबसे अच्छा ऑफर दे रहा हो उसे पसंद करें.
कुछ बैंक आपकी योग्यता बढ़ाने के लिए 25-30 साल तक के लिए होम लोन देते हैं. आमतौर पर हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के पास ये विकल्प उपलब्ध नहीं होता है. आप कितनी अवधि में लोन चुका सकते हैं. इसके आधार पर ऋणदाता का चयन करें.
सरकारी बैंक के मुकाबले निजी बैंक से लोन की फाइल जल्दी अप्रूव हो जाती है. आपको कितनी जल्दी है, इसके आधार पर बैंक को पसंद करें. यदि जल्दी नहीं है और सरकारी बैंक कम रेट में लोन दे रहा है, तो उसे पसंद करे.
सबसे कम ब्याज दर में लोन देने वाले बैंक को चुनें. क्योंकि ब्याज में मामूली सा फर्क भी आपको भारी नुकसान या फायदा करा सकता है. 5 साल की कम अवधि के लिए लोन लेना है, तो फिक्स्ड रेट पसंद करें. नहीं तो फ्लोटिगं रेट बेहतर विकल्प है.
बैंक होम लोन पर प्रोसेसिंग शुल्क, तकनीकी मूल्यांकन और दस्तावेज़ीकरण शुल्क के रूप में कई अन्य शुल्क लगाते हैं. ये शुल्क लोन का 0.25% से 2% तक हो सकता है, जो आपकी समग्र लागत काफी बढ़ा सकता है.
जब आप ब्याज दरों की जांच करते हैं, तो यह भी पता लगाने की कोशिश करें कि क्या बैंक इन शुल्कों पर कोई छूट दे रहा है.
आफ्टर-सेल्स सर्विस कैसी है, उसके आधार पर बैंक का मूल्यांकन करना चाहिए. आमतौर पर होम लोन केवल 1-2 साल के लिए नहीं लिया जाता है, इसलिए ऐसा बैंक चुनें, जिसकी आफ्टर-सेल्स सर्विस अच्छी हो.
कुछ मामलों में टैक्स से संबंधित दस्तावेज के लिए हर साल बैंक का संपर्क करना पड़ता है.
जब आप होम लोन का प्री पेमेंट करते हैं, तो प्री पेमेंट पेनल्टी लग सकती है. यह विभिन्न कारणों पर निर्भर करता है. फ्लोटिंग रेट पर लोन लेने की स्थिति में बैंक प्री पेमेंट पेनल्टी नहीं लेते हैं.
कुछ बैंक प्रॉपर्टी वैल्यू का 80-85% लोन देते हैं औऱ कुछ बैंक तो 90% तक लोन देते हैं. बैंक ग्राहक की इनकम का कैसे आंकलन करते हैं, उस पर लोन अमाउंट तय की जाती है.
आपके पास कितना डाउन पेमेंट है और कितनी लोन की जरूरत है, इस आधार पर ऋणदाता का चयन करें.
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