image: pixabay, आमतौर पर प्री-एप्रूव्ड लोन की वैलिडिटी आमतौर पर छह महीने होती है.
बैंक होम लोन (Home Loan) देने से पहले कई फैक्टर्स पर नजर डालते हैं. इनमें प्रॉपर्टी की लोकेशन, आपकी वित्तीय सेहत और को-एप्लिकेंट के साथ आपके संबंध जैसे फैक्टर शामिल होते हैं. ये फैक्टर अलग-अलग बैंक के हिसाब से अलग-अलग होते हैं.
हर बैंक की अपनी एनालिसिस टीम होती है जो कि लोन एप्लिकेशंस की जांच-पड़ताल करती है. यहां हम आपको कुछ ऐसे आम फैक्टर्स के बारे में बता रहे हैं जिन पर बैंक गौर करते हैं.
क्रेडिट हिस्ट्री
आपका क्रेडिट स्कोर आपकी वित्तीय सेहत के बारे में बहुत कुछ बताता है. मसलन, आपने EMI वक्त पर चुकाई हैं या नहीं या आपने क्रेडिट कार्ड पेमेंट पर डिफॉल्ट तो नहीं किया है, ऐसी जानकारियां बैंक को आपके क्रेडिट स्कोर से मिल जाती हैं.
अच्छी बात ये है कि जितना ऊंचा क्रेडिट स्कोर होगा उतना ही कम ब्याज दर पर आपको होम लोन (Home Loan) मिल जाएगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि बैंक रिस्क आधारित ब्याज दर पर चलते हैं. इसमें वे ऐसे लोगों को रिवॉर्ड देते हैं जिनका बढ़िया क्रेडिट स्कोर होता है.
ज्यादातर बैंक 700 से 800 को एक अच्छे क्रेडिट स्कोर के तौर पर मानते हैं.
लोन का मकसद
बैंक अंडर-कंस्ट्रक्शन घर की बजाय रेडी-टू-मूव घर को ज्यादा तरजीह देते हैं. इसी तरह से रिनोवेशन या रिपेयर के लिए जल्दी लोन मिल जाता है.
को-एप्लिकेंट के साथ रिश्ता
होम लोन (Home Loan) एलिजिबिलिटी आपके को-एप्लिकेंट के हिसाब से घटती और बढ़ती है. मिसाल के तौर पर, अगर आप अकेले लोन की रिक्वायरमेंट को पूरा नहीं कर पाते हैं तो आप अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर लोन ले सकते हैं.
इस मामले में आपकी और आपके जीवनसाथी की आमदनी को लोन की रकम तय करने में देखा जाता है. साथ ही अगर घर आपकी पत्नी के नाम पर है तो आपको सस्ती दर पर लोन मिल सकता है.
हालांकि, बैंक सभी रिश्तों को को-एप्लिकेंट्स के तौर पर तरजीह नहीं देते हैं. मिसाल के तौर पर, कई बैंक भाई या पिता और बेटी को को-एप्लिकेंट के तौर पर मंजूरी नहीं देते हैं.
इनमें आपस में पैदा होने वाला कोई भी विवाद बैंकों के लिए जोखिम भरा हो सकता है और इसी वजह से बैंक इससे बचते हैं.
एप्लिकेंट की उम्र
बैंक चाहते हैं कि लोन (Home Loan) लेने वाले की उम्र 30 से 50 साल के बीच हो. 60 के दशक में चल रहे लोगों को बैंक लोन देने में कम तरजीह देते हैं क्योंकि इन लोगों के कामकाजी साल कम होते हैं.
लोकेशन
प्रॉपर्टी की लोकेशन भी एक बड़ा फैक्टर होती है. कई प्रोजेक्ट्स ऐसे होते हैं जिन्हें बैंक बिल्डर के ट्रैक रिकॉर्ड के चलते ब्लैकलिस्ट कर देते हैं.
पेशा
बैंक चाहते हैं कि बौरोअर्स की एक स्थाई नौकरी हो. ऐसे में सरकारी नौकरी वालों को बैंक सबसे ज्यादा पसंद करते हैं.
इसी तरह से बैंक ब्लूचिप कंपनियों, डॉक्टरों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को भी जल्दी लोन (Home Loan) देते हैं.
अधिकतम फायदे के लिए आपको ऊपर दिए गए इन सभी बिंदुओं का आकलन करना चाहिए.