गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के जरिए अपने बेकार पड़े गोल्ड से कमाएं पैसा

Gold Monetisation Scheme: यह स्कीम RBI डेसिग्नेटेड कमर्शियल बैंक द्वारा ऑफर की जाती है. आप इसे गोल्ड फिक्स्ड डिपॉजिट भी कह सकते हैं

  • Team Money9
  • Updated Date - October 9, 2021, 12:31 IST
gold monetisation scheme is good investment option, here's how you can invest

GMS को सरकार ने 2015 में लॉन्च किया था. इसके पीछे मुख्य उद्देश्य लोगों के घरों और बैंक लॉकर में बेकार पड़े गोल्ड को प्रॉडक्टिव यूज में लाना था

GMS को सरकार ने 2015 में लॉन्च किया था. इसके पीछे मुख्य उद्देश्य लोगों के घरों और बैंक लॉकर में बेकार पड़े गोल्ड को प्रॉडक्टिव यूज में लाना था

क्या आप अपने लॉकर में पड़े गोल्ड से रेगुलर इनकम चाहते हैं? सरकार की गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (Gold Monetisation Scheme – GMS) आपको ये अवसर देती है. कोई अपना बेकार पड़ा गोल्ड बैंक में डिपॉजिट कर सकता है और उस पर इंटरेस्ट कमा सकता है. GMS गोल्ड फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह काम करता है. इस स्कीम के तहत सालाना 2.5% तक इंटरेस्ट कमाया जा सकता है.

इंटरेस्ट रेट GMS की अवधि पर निर्भर करेगा. आप इसे गोल्ड फिक्स्ड डिपॉजिट भी कह सकते हैं. यह स्कीम RBI डेसिग्नेटेड कमर्शियल बैंक, जैसे भारतीय स्टेट बैंक (SBI), HDFC बैंक, ICICI बैंक, PNB आदि द्वारा ऑफर की जाती है.

GMS को सरकार द्वारा 2015 में लॉन्च किया गया था. इस स्कीम के पीछे मुख्य उद्देश्य लोगों के घरों और बैंक लॉकर में बेकार पड़े गोल्ड को प्रॉडक्टिव यूज में लाना था. दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बुलियन कंज्यूमर के साथ भारत ने इस साल अगस्त में 121 टन गोल्ड इंपोर्ट किया.

फीचर

  • एक निवासी भारतीय इस स्कीम में निवेश कर सकता है. GMS को संयुक्त नाम से भी खोला जा सकता है.
  • गोल्ड का मिनिमम डिपॉजिट 10 ग्राम से शुरू होता है और मैक्सिमम डिपॉजिट की कोई लिमिट नहीं है.
  • गोल्ड, रॉ गोल्ड यानी गोल्ड बार, कॉइन, ज्वेलरी के रूप में स्वीकार किया जाता है.

अवधि

GMS तीन टेन्योर में उपलब्ध है: शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (STBD), मीडियम टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (MTGD) और लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (LTGD). निवेशक एक से 15 साल के बीच कोई भी टर्म चुन सकते हैं. अलग-अलग टेन्योर के विकल्प नीचे दिए गए हैं :

  • शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (STBD): 1 से 3 साल
  • मीडियम टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट: 5 से 7 साल
  • लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (LTGD): 12 से 15 साल

इंटरेस्ट रेट

GMS के तहत डिपॉजिटर को सालाना सिंपल इंटरेस्ट मिलेगा जिसका भुगतान किया जाता है या गोल्ड डिपॉजिट करने के समय चुने गए निवेश विकल्प के आधार पर क्युमुलेटिव इंटरेस्ट मिलता है. मैच्योरिटी पर, रीपेमेंट या तो गोल्ड में या उसके बराबर पैसे में लिया जा सकता है.

शॉर्ट टर्म डिपॉजिट: RBI के गाइडलाइन्स के अनुसार, संबंधित बैंक इन डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट तय करने के लिए स्वतंत्र हैं. देश का सबसे बड़ा बैंक SBI निम्नलिखित इंटरेस्ट रेट ऑफर कर रहा है:

  • 1 साल के लिए: 0.50% सालाना
  • 1 साल से ऊपर 2 साल तक: 0.55% सालाना
  • 2 साल से ऊपर 3 साल तक: 0.60% सालाना

मीडियम टर्म डिपॉजिट: 2.25% सालाना

लॉन्ग टर्म डिपॉजिट: 2.50% सालाना

लॉक-इन पीरियड

एक मीडियम टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (MTGD) को 3 साल बाद किसी भी समय और 5 साल के बाद लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (LTGD) निकाला जा सकता है.

टैक्स बेनिफिट

GMC के तहत कमाया इंटरेस्ट कैपिटल गेन टैक्स, वेल्थ टैक्स और इनकम टैक्स से मुक्त है.

Published - October 9, 2021, 12:30 IST