Gold Loan: महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर घरेलू आय में अचानक हुई गिरावट के कारण निजी बैंकों द्वारा दिए गए गोल्ड लोन में अधिक डिफॉल्ट हुए हैं. ICICI बैंक, HDFC बैंक, फेडरल बैंक और CSB बैंक जैसे लीडिंग प्राइवेट बैंकों ने पहली तिमाही की आय की रिपोर्ट में खास तौर से गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में अपने रिटेल लोन में हाई स्ट्रेस रिपोर्ट किया है. यह 2021-22 की पहली तिमाही में अधिकांश बैंकों के अच्छे मुनाफे की रिपोर्ट के बावजूद है. जून में समाप्त तिमाही के लिए बैंक का गोल्ड लोन स्लिपेज 50 करोड़ रुपये था, जो पोर्टफोलियो का लगभग 0.3% था. इसने तिमाही में 200 करोड़ रुपये का गोल्ड लोन रीस्ट्रक्चर भी किया.
कई बैंक अपने रिटेल कस्टमर को – जिन्होंने अपने सोने के गहनों को क्विक फंडिंग के लिए गिरवी रखा था उन पर एक सीमा से अधिक लोन चुकाने के लिए दबाव नहीं डालना चाहते थे.
फेडरल बैंक के MD & CEO, श्याम श्रीनिवासन ने कहा “लॉकडाउन और ग्राहकों के सामने आने वाली चुनौतियों को देखते हुए, हम ग्राहकों को भुगतान करने के लिए पुश नहीं करना चाहते थे. इसलिए, यदि वो पेमेंट नहीं कर सके, तो वे या तो रीस्ट्रक्चर हो गए या NPA बन गए”
जून में समाप्त तिमाही के लिए बैंक का गोल्ड लोन स्लिपेज 50 करोड़ रुपये था, जो पोर्टफोलियो का लगभग 0.3% था. इसने तिमाही में 200 करोड़ रुपये का गोल्ड लोन रीस्ट्रक्चर भी किया.
ICICI बैंक ने पहली तिमाही में 7,200 करोड़ रुपये की गिरावट देखी, जिसमें रिटेल सेगमेंट 6,700 करोड़ रुपये का था. एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर संदीप बत्रा ने कहा, ‘इनमें से 1,130 करोड़ रुपये ज्वैलरी लोन से आए. उन्होंने कहा कि ज्वेलरी लोन पूरी तरह सुरक्षित हैं.
हालांकि, सोना एक सेफ कॉलेटरल होने के कारण, बैंक इस स्लिपेज (गिरावट) को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं हैं. CSB बैंक, जो गोल्ड लोन को एक महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो के रूप में गिनता है, ने भी गोल्ड लोन में तनाव में वृद्धि देखी. पहली तिमाही के दौरान कुल 423 करोड़ रुपये की गिरावट में, गोल्ड लोन 337 करोड़ रुपये रहा.
सेंट्रल बैंक द्वारा 90% से 75% के लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेशियो होने के बाद बैंक ने गोल्ड लोन बुक में खराब लोन में वृद्धि को देखते हुए अपनी गोल्ड लोन पॉलिसी को बदल दिया था. बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वो महामारी के मद्देनजर ग्राहकों पर दबाव नहीं बनाना चाहते थे, इसके बावजूद कलेक्शन 20% तक गिर गया था.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के जुलाई बुलेटिन के अनुसार, 2021-22 के पहले दो महीनों में गोल्ड की ज्वेलरी पर लोन में पॉजिटिव ग्रोथ रिपोर्ट की गई थी, जबकि बैंकों के पर्सनल लोन में मामूली गिरावट दर्ज की गई थी.
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 21 मई को गोल्ड ज्वैलरी लोन 2.3% बढ़कर 62,101 करोड़ रुपये हो गया.
सोने की ऊंची कीमतों ने लोगों को अपनी ज्वैलरी गिरवी रखकर फंड जुटाने में मदद की थी क्योंकि दूसरी लहर में लॉकडाउन ने कई लोगों को बेरोजगार कर दिया था.
आश्चर्यजनक रूप से, चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में क्रेडिट कार्ड का आउटस्टैंडिंग लगभग 10.4 प्रतिशत गिरकर 21 मई को 1,04,475 करोड़ रुपये हो गया था. दूसरे पर्सनल लोन, जो बैंकों के लिए पर्सनल लोन पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, में भी गिरावट दर्ज की गई 1.6% गिरकर ये 7,77,567 करोड़ रुपये हो गया.
इसी तरह, फिक्स्ड लोन भी 7% गिरकर 66,510 करोड़ रुपये हो गया. पिछले कुछ महीनों में डिफॉल्ट बढ़ने के कारण हाई प्राइज वाले प्योर-प्ले पर्सनल लोन को लेकर बैंक सतर्क हो गए हैं.