Gold loan: गोल्ड लोन एक सुरक्षित लोन है और इसका इंटरेस्ट रेट पर्सनल लोन के इंटरेस्ट रेट से कम होता है, इसलिए जरूरत के समय लोग ये लोन लेना पसंद करते हैं. किसी भी फाइनेंशियल इमरजेंसी में गोल्ड आपको लोन दिला सकता है और उस स्थिति से उबरने में आपकी मदद कर सकता है. अगस्त 2020 में RBI ने महामारी के मद्देनजर बैंकों के लिए गोल्ड लोन पर लोन-टू-वैल्यू (LTV) को 75% से बढ़ाकर 90% तक कर दिया.
कोविड -19 महामारी के बीच, गोल्ड लोन की मांग में उछाल आया क्योंकि परिवारों ने अपनी गोल्ड होल्डिंग, ज्यादातर ज्वेलरी को गिरवी रख दिया. भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2021 तक बैंकों द्वारा दिए गए गोल्ड ज्वेलरी पर आउटस्टैंडिंग लोन 82% बढ़कर 60,464 करोड़ रुपये हो गया, जो मार्च 2020 तक 33,303 करोड़ रुपये था.
दो गोल्ड लोन ऑप्शन हैं जो ज्यादातर बैंक दे रहे हैं – रेगुलर EMI के साथ गोल्ड लोन और ओवरड्राफ्ट सुविधा के साथ गोल्ड लोन. लेकिन कुछ बैंक और NBFC रीपेमेंट का एक और तरीका ऑफर करते हैं जिसमें केवल इंटरेस्ट कंपोनेंट का भुगतान होता है. इसलिए गोल्ड लोन लेने से पहले आपको इन तीनों ऑप्शन के बारे में पता होना चाहिए.
EMI ऑप्शन वाला गोल्ड लोन सबसे कॉमन है. इसमें आप अपना गोल्ड गिरवी रखने के लिए अपने नजदीकी बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी की ब्रांच में जा सकते हैं. नियमों के अनुसार वो आपके बैंक अकाउंट में एक रिम्बर्समेंट पीरियड के लिए एक रेगुलर EMI ऑप्शन के साथ एक अमाउंट जमा करेंगे.
RBI की नई गाइडलाइन के अनुसार, आप गिरवी रखे गए गोल्ड की कीमत का अधिकतम 90% लोन अमाउंट प्राप्त कर सकते हैं.
बैंकों में, पंजाब एंड सिंध बैंक तीन साल के रिम्बर्समेंट पीरियड के साथ, 10 लाख रुपये के गोल्ड लोन पर 7.00% का सबसे कम इंटरेस्ट रेट ऑफर कर रहा है.
बैंक ऑफ इंडिया (BOI) गोल्ड लोन पर दूसरा सबसे सस्ता इंटरेस्ट रेट ऑफर कर रहा है जो सालाना 7.30% है. वहीं, केनरा बैंक 7.35% का इंटरेस्ट रेट दे रहा है.
भारतीय स्टेट बैंक 7.5% सालाना के इंटरेस्ट रेट पर गोल्ड लोन दे रहा है. NBFC इन लोन पर सालाना 9.24% से 12% के बीच का हाई इंटरेस्ट रेट वसूलती हैं.
ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी वाले गोल्ड लोन क्रेडिट कार्ड की तरह काम करते हैं. जब आप लैंडर को अपना गोल्ड गिरवी रखते हैं, तो वो लोन लिमिट के साथ एक ओवरड्राफ्ट अकाउंट खोलते हैं.
आप जब जितना चाहें खर्च करने के लिए स्वतंत्र हैं. गोल्ड लोन का इंटरेस्ट रेट केवल आपके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अमाउंट पर लागू होगा. सभी प्रमुख बैंक अपने ग्राहकों को ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के साथ गोल्ड लोन ऑफर करते हैं.
एक रेगुलर EMI ऑप्शन वाले गोल्ड लोन में, पूरे लोन अमाउंट पर इंटरेस्ट लगाया जाता है, भले ही आप उस अमाउंट को तुरंत खर्च न करें. लेकिन ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के मामले में, इंटरेस्ट चार्ज केवल इस्तेमाल किए गए अमाउंट पर ही लागू होगा.
इसलिए, सामान्य तौर पर, ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी वाला गोल्ड लोन फायदेमंद साबित हो सकता है. लेकिन ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी पर इंटरेस्ट रेट थोड़ा ज्यादा है – EMI लोन की तुलना में कम से कम 50 बेसिस पॉइंट.
3) केवल ब्याज का भुगतान करेंकुछ बैंक जैसे ICICI बैंक और NBFC जैसे मुथूट फाइनेंस और मणप्पुरम फाइनेंस रीपेमेंट का एक और तरीका ऑफर करते हैं.
बैंक के एक अधिकारी ने कहा कि “ग्राहक केवल साल के अंत में इंटरेस्ट कंपोनेंट का भुगतान कर सकता है और एक और साल के लिए लोन रिन्यू कर सकता है. ग्राहक को EMI का भुगतान भी नहीं करना पड़ता है. ” लेकिन आपको पता होना चाहिए कि इस केस में भुगतान (पेआउट) कम होता है.