महामारी के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 में पहली तीन तिमाही में सालाना आधार पर होम लोन (Home Loan) की ग्रोथ 9.6 फीसदी रही. कोरोना महामारी की दूसरी लहर के ठीक बाद कुछ प्रमुख ऋणदाताओं ने भी बेहतर व्यवसाय के लिए ब्याज दर में कटौती की है. अगर आप होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो आपको अलग-अलग बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों की तुलना करनी चाहिए. आप ब्याज दर, फोरक्लोजर चार्ज और पेनल्टी जैसे मापदंडों के आधार पर तुलना कर सकते हैं. Money9 आपको यहां ऐसे टॉप नौ बैंकों और वित्तीय संस्थानों के बारे में बता रहा है, जो सबसे कम ब्याज दर पर होम लोन देते हैं.
होम लोन लेना एक मुश्किल काम है, क्योंकि इसकी अवधि आमतौर पर 15 से 20 साल के बीच होती है. लंबी अवधि तक मासिक किश्तों का भुगतान आसान नहीं होता. इसके अलावा आपको प्रोसेसिंग फीस, फोरक्लोजर चार्ज, पेनल्टी और टॉप अप सुविधा के बारे में पता होना चाहिए, क्योंकि आपको इनकी जरूरत पड़ सकती है.
यहां टॉप नौ बैंकों या वित्तीय संस्थानों की सूची दी गई है जो सबसे सस्ता होम लोन दे रहे हैं. आप उनसे 7% से कम का होम लोन प्राप्त कर सकते हैं.
यहां देखिए बैंकों में किस दर से मिल रहा है लोन
Punjab & Sind बैंक – 6.65% to 7.60%
Kotak Mahindra बैंक – 6.65% to 7.30%
LIC HFL – 6.66% to 7.90%
ICICI बैंक – 6.75% to 7.55%
Bajaj Finserv – 6.75% to 8.50%
Bank of Baroda – 6.75% to 8.60%
PNB – 6.80% to 7.35%
HDFC बैंक – 6.80% to 7.65%
SBI – 6.80% to 7.75%
सबसे कम ब्याज दर पर होम लोन Punjab & Sind बैंक और उसके बाद Kotak Mahindra बैंक और LIC हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड द्वारा दिया जा रहा है.
SBI 6.80 फीसदी से शुरू होने वाली ब्याज दर पर लोन देता है. HDFC, ICICI, BoB समेत अन्य बैंक भी 6.75% से 6.80% ब्याज दर तक होम लोन दे रहे हैं. इनका ब्याज दर, लोन अमाउंट, पुनर्भुगतान अवधि और अन्य वजहों के आधार पर 8.50 प्रतिशत तक हो सकता है. शनिवार को SBI ने सभी पात्र ग्राहकों के लिए 31 अगस्त तक होम लोन के प्रोसेसिंग फीस पर 100% छूट की घोषणा की.
NBFC की दरें प्राइम लेंडिंग रेट (PLR) के अनुसार तय की जाती हैं, जो बदले में स्वीकृत ज्यादा अमाउंट के लिए ऋणदाता के साथ बातचीत करने की सुविधा देती है. PLR, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दायरे से बाहर है. दूसरी ओर, बैंक RBI के सख्त निगरानी में काम करती हैं और वे बाहरी बेंचमार्क के आधार पर होम लोन की ब्याज दरें निर्धारित करती हैं.
बैंक और NBFC अपने ग्राहकों को लोन देते समय अलग-अलग दिशानिर्देशों का पालन करते हैं. NBFC की नीतियां तुलनात्मक रूप से फ्लेक्सिबल होती हैं. यह उन लोगों के लिए बेहतर है, जिनका क्रेडिट स्कोर कम होता है और जो बड़ा अमाउंट कर्ज के तौर पर लेना चाहते हैं. आमतौर पर इनकी ब्याज दर ज्यादा होती है.
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में हाउसिंग लोन मार्केट में वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही तक कर्ज के बकाया के मामले में साल-दर-साल 9.6 फीसदी की मजबूत वृद्धि देखी गई. क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो CRIF हाई मार्क की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2019 तक कुल होम लोन पोर्टफोलियो बकाया 22.26 लाख करोड़ रुपये था, जबकि दिसंबर 2019 तक यह 20.31 लाख करोड़ रुपये था.
दिसंबर 2020 तक कुल होम लोन में किफायती मकानों (35 लाख रुपये तक) की हिस्सेदारी संख्या के हिसाब से 90 फीसदी है, जबकि मूल्य के हिसाब से यह 60 फीसदी रही.