Utility Bills: अगर आपने भी नेटफ्लिक्स, अमोजॉन प्राइम, डिज़नी+हॉटस्टार जैसे ऑनलाइन कंटेट प्लेटफॉर्म के लिए आपने अपने बैंक से ऑटो-डेबिट का निर्देश दिया हुआ है तो 1 अप्रैल से ये पेमेंट फेल हो सकता है. वहीं पेमेंट ऐप्स के जरिए कहीं अगर आपने बिजली और गैस के बिल के लिए भी ऑटो-पेमेंट किया हुआ है तो इसमें भी अड़चन आएगी. ऑटो डेबिट यानि आपके खाते से अपने आप ही इन बिल और ओटीटी प्लोटफॉर्म के चार्जेस की पेमेंट हो जाना. दरअसल सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक के नए नियम 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगे. अब पेमेंट के लिए आपके अपने यूटिलिटी बिल, OTT पेमेंट जैसे सभी ऑटो डेबिट पेमेंट का बैंक के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या मोबाइल बैंकिंग पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
आपने शायद ध्यान ना दिया हो लेकिन जब भी आपके कार्ड से लिंक OTT प्लेटफॉर्म के लिए चार्ज कटते हैं तब आपको बैंक एक मैसेज भेजता है जिसमें लिखा होता है कि ये ट्रांजेक्शन बिना एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिफिकेशन के हुआ है. यानि रिजर्व बैंक की सुरक्षा गाइडलाइन के पालन के बिना.
Utility Bills: फोन पर अकसर बैंक से ऐसे मैसेज आते हैं जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसे ही मैसेज कई दिनों से बैंक ग्राहकों को भेजकर इस बदलाव की सूचना दे रहे हैं. एक्सिस बैंक ने अपनी सूचना में कहा है कि रेगुलेटरी जरूरतों की वजह से जो भी रेकरिंग ट्रांजेक्शन (जो हर महीने होते हैं) आपके डेबिट या क्रेडिट कार्ड से बिना एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिफिकेशन के होते हैं वे 1 अप्रैल 2021 से रोक दिए जाएंगे. बैंक ने कहा है कि आप सीधे कार्ड के जरिए वेबसाइट या ऐप को पेमेंट कर सकते हैं.
वहीं ICICI बैंक ने अपनी सूचना में कहा है कि रेगुलेटरी गाइडलाइंस के मुताबिक बैंक के कार्ड्स से जुड़े रेकरिंग मर्चेंट ट्रांजैक्शंस बंद कर दिए जाएंगे. बैंक के मुताबिक यूटिलिटी बिल के लिए आपको बिलर को दोबारा iMobile Pay या इंटरनेट बैंकिंग के जरिए रजिस्टर कराना होगा. अन्य तय अवधि की पेमेंट के लिए भी दोबारा रजिस्ट्रेशन या हर बार खुद ट्रांजेक्शन करना होगा यानि ऑटो डेबिट नहीं होगा.
फोनपे जैसे ऐप्स पर बिजली-गैस के बिल जनरेट होने पर अपने आप पेमेंट हो जाने का विकल्प है जिससे हर महीने आपको बिल की डेडलाइन को लेकर ना उलझना पड़े. अब ऐसी पेमेंट के लिए रिजर्व बैंक के नए नियमों का पालन करना होगा.
5000 रुपये से ज्यादा के रेकरिंग पेमेंट के लिए बैंक को ग्राहक के फोन पर OTP भेजना होगा.
भारतीय रिजर्व बैंक ने निर्देश दिया है कि डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, UPI या अन्य किसी प्रीपेड पेमेंट विकल्प के जरिए रिकरिंग पेमेंट के लिए 1 अप्रैल से एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिफिकेशन की जरूरत होगी. इसके तहत बैंक को ऐसी किसी भी रेकरिंग पेमेंट की जानकारी ग्राहकों को पहले ही देनी होगी और उनसे मंजूरी मिलने के बाद ही ये ट्रांजेक्शन पूरा होगा. ऐसा करने से गलत पेमेंट होने या खाते से जुड़े फ्रॉड ट्रांजेक्शन होने की संभावना कम रहेगी और ग्राहकों की मंजूरी के बाद ही उनके खाते से पैसे कटेंगे. अकसर बिजली-गैस बिल (Utility Bills), DTH पेमेंट, OTT प्लेटफॉर्म के चार्ज लोग ऑटो-डेबिट पर रखते हैं.