KYC से लेकर NEFT ट्रांजेक्शन तक, RBI ने डिजिटल बैंकिंग से जुड़े किए हैं ये 3 बड़े ऐलान

Digital Banking: RBI गवर्नर ने कहा है कि RTGS और NEFT सुविधा के लिए सेंट्रलाइज़्ड पेमेंट सिस्टम की मेंबरशिप को नॉन-बैंक के लिए भी खोला जाएगा.

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आयोग ने इसके लिए ‘डिजिटल बैंक (Digital Bank) भारत के लिए लाइसेंसिंग और नियामकीय व्यवस्था को लेकर प्रस्ताव’ शीर्षक से जारी एक परिचर्चा पत्र में यह प्रस्ताव किया है

आयोग ने इसके लिए ‘डिजिटल बैंक (Digital Bank) भारत के लिए लाइसेंसिंग और नियामकीय व्यवस्था को लेकर प्रस्ताव’ शीर्षक से जारी एक परिचर्चा पत्र में यह प्रस्ताव किया है

Digital Banking: भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में भले ही कोई बदलाव ना किया हो, लेकिन RBI ने आपके रोजमर्रा की बैंकिंग और ऑनलाइन ट्रांजेक्शंस से जुड़े कई बदलाव किए हैं. इनमें पेमेंट्स बैंक में डिपॉजिट लिमिट से लेकर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स में KYC से जुड़े ऐलान किए हैं जो आपके लिए जानना जरूरी है. अगर आप परिवार में लोगों को गिफ्ट कार्ड देते थे तो इस पर भी असर पड़ेगा. साथ ही RBI ने नॉन-बैंकिंग कंपनियों के लिए RTGS और NEFT सुविधा के लिए सेंट्रलाइज्ड पेमेंट्स सिस्टम बनाने का ऐलान किया है.

इन सभी ऐलानों का आप पर कितना और कैसे असर पड़ेगा, आइये एक-एक कर इसे समझते हैं.

प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) के लिए KYC

Digital Banking: पेटीएम, गूगलपे, गिफ्ट कार्ड, प्री-लोडेड कार्ड ये सभी इन प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स की कैटेगरी में शामिल होते हैं. इन कार्ड्स का इस्तेमाल शॉपिंग के लिए किया जा सकता है तो वहीं GPay और Paytm जैसे सेमी-क्लोस्ड सिस्टम PPI के जरिए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और फाइनेंशियल सर्विसेस का फायदा उठाते हैं.

रिजर्व बैंक ने कहा है कि प्रीपेड पेमेंट्स इंस्ट्रूमेंट्स इंटर-ऑपरेबिलिटी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं . रिजर्व बैंक का कहना है कि इन कंपनियों को अब अपने ग्राहकों को पूरी KYC कराने के बाद ट्रांजेक्शन करने की सहूलियत देना अनिवार्य होगा. KYC का मतलब है ग्राहक की सारी जानकारी.

गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि RBI ने साल 2018 में ही PPIs को इंटरऑपरेबल होने का विकल्प दिया था जहां  KYC पूरा होने पर एक कंपनी ग्राहक के दूसरे PPI या बैंक में सीधे फंड भेज सकता है. यानी गूगल पे या फोनपे, पेटीएम खातों के बीच सीधे रकम ट्रांसफर हो सके.

दास ने कहा है कि जिनकी पूरी KYC होगी उनके लिए भविष्य में नॉन-बैंक PPI से एक लिमिट में कैश निकालने की भी सुविधा को भी मंजूरी मिलेगी.

पेमेंट्स बैंक की डिपॉजिट लिमिट बढ़ी

अगर आप पेटीएम पेमेंट बैंक, एयरटल पेमेंट्स बैंक या फिर इंडिया पोस्ट के पेमेंट्स बैंक की सुविधा का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. रिजर्व बैंक ने पेमेंट्स बैंक में अधिकतम रकम रखने की सीमा बढ़ा दी है. अब दिन के अंत में ग्राहक के खाते में 2 लाख रुपये तक की रकम रह सकती है जबकि पहले ये सिर्फ 1 लाख रुपये थी.

Digital Banking: RBI ने अब पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों के बैलेंस की सीमा बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी है. इससे पहले सिर्फ 1 लाख रुपये की सीमा थी यानी पेमेंट्स बैंक के  ग्राहक अब खाते में अधिकतम 2 लाख रुपये रख सकेंगे.

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है, “वित्तीय समावेश  का दायरा बढ़ाने के लिए और पेमेंट्स बैंक (Payments Bank) ग्राहकों की बढ़ती जरूरतों के मुताबिक सुविधा दे पाएं, इस लक्ष्य से दिन के अंत में अधिकतम बैलेंस की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये प्रति ग्राहक की जा रही है.” ये नियम आज से ही लागू हो गया है.

नॉन-बैंक के लिए RTGS और NEFT

RBI गवर्नर ने कहा है कि RTGS और NEFT सुविधा के लिए सेंट्रलाइज़्ड पेमेंट सिस्टम की मेंबरशिप को नॉन-बैंक के लिए भी खोला जाएगा. यानी अब नॉन-बैंक कंपनियां भी रिजर्व बैंक के रेगुलेशन वाले पेमेंट सिस्टम के जरिए ऑपरेट कर सकेंगी.

दास का कहना है कि इससे सेटलमेंट रिस्क घटेगा और डिजिटल सुविधाओं (Digital Banking) की पहुंच सभी सेगमेंट में बढ़ेगी. हालांकि, उन्होंने कहा कि ये नॉन-बैंक अपने ट्रांजेक्शन की सेटलमेंट के लिए रिजर्व बैंक की लिक्विडिटी सुविधा का फायदा नहीं उठा पाएंगे.

इन सभी बदलावों पर रिजर्व बैंक जल्द ही गाइडलाइन और निर्देश जारी करेगा.

Published - April 7, 2021, 03:58 IST