Budget 2021 Highlights: PMC बैंक जैसे संकट में भी अब खाते से 5 लाख रुपये तक निकाल पाएंगे

वित्त मंत्री का ये ऐलान डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर के तहत सीमा 5 लाख रुपये करने से बिल्कुल अलग और ज्यादा फायदेमंद है.

  • Team Money9
  • Updated Date - February 2, 2021, 12:16 IST
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(Courtesy: PTI)

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Budget 2021 Highlights: एक तरफ वित्त मंत्री ने सरकारी बैंकों के निजीकरण को लेकर ऐलान किए हैं तो वहीं दूसरी ओर बैंक के डिपॉजिटर्स के लिए भी सरकार ने राहत का कदम उठाया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 (Budget 2021) में डिपॉजिटर्स के हित कदम उठाते हुए मोरेटोरियम (Moratorium) में आए बैंक से 5 लाख रुपये तक निकाल पाने का प्रस्ताव रखा है. फाइनेंस बिल (Finance Bill) पास हो जाने पर इस फैसले से पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) के खाता धारकों को तुरंत राहत मिलेगी जिनके पैसे अकाउंट में अटके पड़े हैं.

ऐसे बैंक जिनकी स्थिति खराब है या रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) उनपर कोई एक्शन लेते हुए मोराटोरियम (Moratorium) में डाल देता है तो डिपॉजिटर्स के लिए वित्त मंत्री का 5 लाख रुपये तक निकाल पाने का ऐलान राहत देगा.

पिछले साल सरकार ने डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया था लेकिन ये तभी संभव था जब बैंक पूरी तरह बंद हो जाता और उसके ऐसेट बेचकर वसूली होती. अगर RBI बैंक को मोरेटोरियम (Moratorium) में डालकर कैश विड्रॉल पर लिमिट लगा देता तो डिपॉजिटर्स इस डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर का फायदा नहीं उठा सकता थे. इस बार के बजट (Budget 2021) में हुए ऐलान से ऐसे डिपॉजिटर्स को भी फायदा मिलेगा.  उन्हें 5 लाख रुपये तक के डिपॉजिट वापस पाने के लिए बैंक के लिक्विडेशन तक का इंतजार नहीं करना होगा.

PMC बैंक (PMC Bank) और लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) पर रिजर्व बैंक की कड़ाई के बाद डिपॉजिटर्स को अपने ही पैसे खाते से निकालने में बड़ी दिक्कतें हुईं. दरअसल रिजर्व बैंक ने नवंबर 2020 में लक्ष्मी विलास बैंक पर मोराटोरियम लागू किया था जिसके तहत खाता धारक बैंक से 25,000 रुपये से ज्यादा रकम नहीं निकाल सकते थे.

वहीं सितंबर 2019 में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) से विड्रॉल पर  RBI ने अंकुश लगाया था. शुरुआत में अकाउंट होल्डर सिर्फ 1,000 रुपये निकाल सकते थे जिसे बाद में 50,000 और जून में 1 लाख रुपये तक किया गया था.

कई और छोटे को-ऑपरेटिव बैंक भी कमजोर प्रदर्शन या रेगुलेटरी खामियों की वजह से RBI की नजर में हैं.

Published - February 2, 2021, 12:16 IST