Credit Card Against Fixed Deposit: भारत में क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में पिछले कुछ वर्षों में बड़ा इजाफा हुआ है. हालांकि, बैंक हर किसी को क्रेडिट कार्ड ऑफर नहीं करते हैं. दूसरी ओर, कोविड के दौर में लोगों की कमाई घटने और नौकरियां खत्म होने के चलते बैंक भी सतर्कता के मोड में हैं और हर किसी को क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर रहे हैं.
क्या कहते हैं आंकड़े?
रिजर्व बैंक (RBI) के हालिया आंकड़ों से पता चल रहा है कि भारत में फरवरी में 5.49 लाख नए क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं. हालांकि, ये पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 47 फीसदी कम है, जबकि इसी साल जनवरी के मुकाबले इसमें 22 फीसदी की गिरावट आई है.
कोविड और पाबंदियों के चलते इनमें ये गिरावट आई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में इस साल फरवरी में कुल 6.16 करोड़ क्रेडिट कार्ड मौजूद हैं. जबकि दिसंबर 2020 के अंत में ये आंकड़ा 6.03 करोड़ था.
कोविड के दौर में बैंक हालांकि, पहले के मुकाबले ज्यादा सतर्क हैं और कार्ड बांटे जाने में सावधानी बरत रहे हैं. ऐसा इस वजह से है क्योंकि लोगों की आमदनी निश्चित नहीं है और नौकरियों और कमाई को लेकर जोखिम बढ़ गया है.
हालांकि, कई बैंक Fixed Deposit के आधार पर भी क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं. ये सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड होते हैं. दरअसल, बैंक दो तरह के क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं. पहला, अनसिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड और दूसरा सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड.
अनसिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड
इस कैटेगरी में अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री वाले और बैंक के बढ़िया ग्राहक आते हैं. बैंक इन्हें ये क्रेडिट कार्ड ऑफर करते हैं. बैंक हर किसी को अनसिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड नहीं देते हैं. मसलन जिन लोगों की कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होती है उन्हें ये क्रेडिट कार्ड नहीं मिल पाते हैं.
सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड
ये ऐसे क्रेडिट कार्ड होते हैं जिनके लिए आमतौर पर किसी क्रेडिट हिस्ट्री की जरूरत नहीं पड़ती है. इसमें आपको कोई कोलेट्रल रखना होता है. बैंक आमतौर पर आपकी Fixed Deposit (FD) के बदले ऐसे क्रेडिट कार्ड आसानी से जारी कर देते हैं.
FD के बदले क्रेडिट कार्ड लेने के फायदे और नुकसान
लेकिन, बड़ा सवाल यहां ये है कि क्या आपको आसानी से मिलने वाले ये क्रेडिट कार्ड लेने चाहिए जो कि आपको बैंक में आपकी Fixed Deposit (FD) के एवज में मिलते हैं.
FD की 80-90 फीसदी रकम क्रेडिट लिमिट के रूप में मिलती है
देश में ज्यादातर बैंक Fixed Deposit (FD) के बदले क्रेडिट कार्ड ऑफर करते हैं. फिक्स्ड डिपॉजिट एक कोलेट्रल या सिक्योरिटी के तौर पर काम करता है. अलग-अलग बैंक के मुताबिक इन सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड्स की लिमिट आपकी Fixed Deposit (FD) की रकम की 80-90 फीसदी तक हो सकती है.
मसलन, SBI एडवांटेज प्लस क्रेडिट कार्ड के तहत आपकी Fixed Deposit (FD) की रकम की 85 फीसदी क्रेडिट लिमिट वाला कार्ड आपको मिलता है. इसमें आपको 2.25 फीसदी प्रतिमाह का ब्याज देना पड़ता है. साथ ही आप क्रेडिट लिमिट का 100 फीसदी कैश विद्ड्रॉल भी कर सकते हैं.
इसी तरह से ICICI बैंक का कोरल क्रेडिट कार्ड भी Fixed Deposit (FD) की 85 फीसदी वैल्यू को क्रेडिट लिमिट के तौर पर देता है.
कम आमदनी, खराब क्रेडिट हिस्ट्री वालों के लिए ऑप्शन
FD के बदले मिलने वाला क्रेडिट कार्ड जल्द मिल जाता है.
आमतौर पर कम कमाई वाले, या खराब क्रेडिट हिस्ट्री वाले लोगों के लिए ये एक अच्छा विकल्प होते हैं. इसके अलावा जिनके पास कमाई का कोई प्रूफ नहीं है या गृहणियों के लिए भी ये काम के होते हैं.
FD से हो सकती है रिकवरी
इनकी सबसे बड़ी खामी ये है कि अगर आप क्रेडिट कार्ड से किए गए खर्च को चुकाने में नाकाम हो जाते हैं तो आपको बकाया रकम को ब्याज के साथ चुकाना पड़ता है. अगर आप तय अवधि में ये पैसा नहीं चुका पाते हैं तो बैंक आपकी Fixed Deposit (FD) से ये रकम रिकवर कर सकता है.
प्रीमैच्योर विद्ड्रॉल मुमकिन नहीं
साथ ही, आपकी Fixed Deposit (FD) के आपके क्रेडिट कार्ड से अटैच होने पर आप इसे समय से पहले भुना भी नहीं सकते हैं. इमर्जेंसी के वक्त भी आप इस FD का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.
FD की मैच्योरिटी के साथ कार्ड भी हो जाता है एक्सपायर
दूसरी ओर, सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड आपकी एफडी की मैच्योरिटी से लिंक्ड होते हैं. ऐसे में आपकी Fixed Deposit (FD) के मैच्योर होने पर आपका क्रेडिट कार्ड भी एक्सपायर हो जाता है. ऐसे में आपको नए क्रेडिट कार्ड के लिए एप्लाई करना पड़ता है.