त्योहारों का मौसम सामने है और लोन-देने वाली कंपनियां कई तरह के ऑफर पेश कर रही हैं. होम लोन की दरें तो पहले से ही कम हैं. मुमकिन है कि कंज्यूमर लोन और पर्सनल लोन पर भी छूट के ऑफर पेश किए जाएं. इस स्थिति में आपको बेहतर डील प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए. इसके लिए हम आपको कुछ उपाय बता रहे हैं.
कम दरों पर लोन प्राप्त करने में क्रेडिट स्कोर का काफी अहम योगदान होता है. इस दौरान कंपनियां आपकी रीपेमेंट हिस्ट्री, वित्तीय अनुशासन वगैरह पर ध्यान देती हैं. MyMoneyMantra के फाउंडर और MD राज खोसला बताते हैं, ‘क्रेडिट हिस्ट्री महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. उपलब्ध जानकारी के आधार पर लोन कंपनियां रिस्क का आंकलन करती हैं.’
आपका क्रेडिट स्कोर अगर कम है, तो जोखिम ज्यादा होगा. ऐसे में ऊंची ब्याज दरों पर लोन दिया जाएगा. आम तौर पर 750 के क्रेडिट स्कोर को लोन प्राप्त करने के लिए अच्छा माना जाता है.
अधिकतर बैंक महिलाओं को कम दरों पर होम लोन देते हैं. यदि आप पुरुष हैं तो बेहतर होगा कि किसी महिला के साथ संयुक्त रूप से लोन के लिए अप्लाई करें. BankBazaar के CEO आदिल शेट्टी का कहना है, ‘कुछ लोन ऑफर महिलाओं के लिए आरक्षित होते हैं. यदि संयुक्त रूप से अप्लाई किया जाए तो कम दरों पर लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है.’
यदि आप ऐसे लोन के लिए आवेदन कर रहे हैं जिसमें कुछ मॉर्गेज, जैसे कि मकान या सोना रखने की जरूरत हो, तो मॉर्गेज की कुल वैल्यू की तुलना में लोन की मात्रा कम रखने की कोशिश करें. इससे सस्ते में लोन प्राप्त होने में मदद मिलेगी.
आम तौर पर बैंक उन लोगों को लोन देना पसंद करते हैं, जिनकी आमदनी नियमित हो. इसमें उनको कम जोखिम दिखाई पड़ता है. इसलिए बैंक वेतनभोगियों और स्व-रोजगार वाले व्यक्तियों के लिए अलग-अलग ब्याज दरें रखते हैं. साथ ही वे इसपर भी ध्यान देते हैं कि जॉब प्रोफाइल क्या है और जहां आप काम कर रहे हैं, वह कंपनी कितनी स्थिर है.
भुगतान की क्षमता का आंकलन करने के लिए बैंक आपकी सालाना आमदनी पर ध्यान देते हैं. यदि आपकी सैलरी अधिक है, तो कम रेट पर लोन प्राप्त हो सकता है. खोसला के मुताबिक, ‘क्रेडिट पॉलिसी के जरिए ब्याज दरों का निर्धारण होता है. इसमें बेंचमार्क लेंडिंग रेट, स्प्रेड और संबंधित उत्पाद के लिए योग्यता आदि को देखा जाता है.’
यदि आप कम समय के लिए लोन ले रहे हैं तो कम दरों पर लोन मिल जाता है, भले ही मासिक किस्त अधिक क्यों न हो. लेकिन लंबी अवधि पर ब्याज अधिक लगता है. लोन लेने के दौरान दी जाने वाली ब्याज की कुल राशि पर भी ध्यान देना चाहिए.