एफडी कराने की सोच रहे हैं तो ये नौ बैंक आपको देंगे शानदार ब्‍याज, यहां देखकर लें फैसला

FD: पीएसयू बैंकों में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) वर्तमान में 2 करोड़ रुपये से कम की 3 साल की एफडी पर सर्वोत्तम दरों की पेशकश कर रहा है

tax saving FD: these banks are offering interest rates of up to 6.75%

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट में पांच साल या उससे अधिक की लॉक-इन अवधि होती है.

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट में पांच साल या उससे अधिक की लॉक-इन अवधि होती है.

FD: बैंक FD पीरियड और जमा राशि के आधार पर ब्याज दरें प्रदान करते हैं. हाल के दिनों में लगभग हर निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने फ‍िक्‍सड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरों को कम किया है.

यह ब्याज दर हर बैंक में अलग-अलग होती है. यदि आप तीन साल की एफडी को लेने की योजना बना रहे हैं, तो यहां 9 निजी और पीएसयू बैंकों की सूची पर विचार किया जा सकता है.

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक

पीएसयू बैंकों में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) वर्तमान में 2 करोड़ रुपये से कम की 3 साल की एफडी पर सर्वोत्तम दरों की पेशकश कर रहा है.

यूबीआई आम जनता के लिए प्रति वर्ष 5.50% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 6% ब्याज प्रदान करता है, जबकि केनरा बैंक समान कार्यकाल के लिए क्रमशः 5.40% और 5.90% की पेशकश कर रहा है.

तीसरे स्थान पर बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) है. यह आम जनता को 5.30% और वरिष्ठ नागरिकों को 5.80% ब्याज दे रहा है.

पंजाब एंड सिंध बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) सामान्य ग्राहकों को क्रमशः 5.15% और 5.10% की पेशकश कर रहे हैं. वरिष्ठ नागरिकों को 0.50% अतिरिक्त ब्याज दर मिलेगी.

निजी क्षेत्र के बैंक

निजी क्षेत्र के बैंकों में इंडसइंड बैंक और डीसीबी बैंक तीन साल की एफडी पर 6.50% की पेशकश कर रहे हैं. दूसरी ओर, आरबीएल बैंक और यस बैंक समान अवधि के लिए एफडी के क्रमशः 6.10% और 6% की पेशकश कर रहे हैं.

पीएसयू बैंकों की तरह ये सभी निजी क्षेत्र के बैंक भी वरिष्ठ ग्राहकों को 0.50% अतिरिक्त ब्याज दे रहे हैं.

कंपनी की FD में बैंक के मुकाबले ज्यादा जोखिम

किसी कंपनी की FD में बैंक के मुकाबले ज्यादा जोखिम होता है. बैंकों में 5 लाख रुपये तक का डिपॉजिट सुरक्षित होता है. इसे डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत इंश्योरेंस कवर हासिल होता है.

लेकिन, कंपनी Fixed deposits (FD) में इस तरह का कोई इंश्योरेंस कवर नहीं होता है. ऐसे में आपका पैसा कंपनी की वित्तीय सेहत पर निर्भर करता है.

यही वजह है कि डिपॉजिटर्स को कंपनियों के Fixed deposits में पैसा लगाने से पहले इनकी क्रेडिट रेटिंग और वित्तीय सेहत की अच्छी तरह से जांच-पड़ताल कर लेनी चाहिए.

Published - June 25, 2021, 12:56 IST