FD को मैच्योरिटी से पहले तुड़वा रहे हैं? आपको हो सकते हैं ये नुकसान, जानें डिटेल

यदि आप रिटायर्ड हो चुके हैं और अधिक रिटर्न अर्जित करने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश किया है, तो जल्दी निकासी एक बड़ी चिंता पैदा कर सकती है.

How to break FD before maturity, FD, FD interest rate, SBI, ICICI Bank, HDFC Bank, Bank of Baroda

एक्सपर्ट्स के द्वारा हमेशा यह सलाह दी जाती है कि फाइनेंशियल एसेट्स जैसे म्यूचुअल फंड और शेयरों में आपको एक बैकअप रखना चाहिए.PC: Pixabay

एक्सपर्ट्स के द्वारा हमेशा यह सलाह दी जाती है कि फाइनेंशियल एसेट्स जैसे म्यूचुअल फंड और शेयरों में आपको एक बैकअप रखना चाहिए.PC: Pixabay

समय के साथ यह जरूरी हो जाता है कि आप सेविंग्स शुरू करें और उसको समझदारी से कहीं निवेश करें. जिससे आपके द्वारा सेव की गई रकम भी समय के साथ बढ़ती रहे. ऐसे में फिक्स्ड डिपाजिट लोगों के लिए सबसे कम रिस्क वाला एक सुरक्षित विकल्प होता है. यहां आप इंटरेस्ट के बेनीफिट से लगातार और एक फिक्स इनकम प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन मैच्योरिटी से पहले FD को तुड़वाना फाइनेंशियल रूप से अच्छा विचार नहीं है. क्योंकि इसके कुछ नुकसान होते हैं. आमतौर पर निवेशकों के द्वारा ऐसा तब किया जाता है, जब उन्हें अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाती है और उनके पास कोई अन्य विकल्प मौजूद नहीं होता है.

जानिए समय से पहले FD तुड़वाने पर क्‍या होते हैं नुकसान

1. पेनल्टी

ज्यादातर बैंक मैच्योरिटी से पहले FD तुड़वाने पर पेनल्टी लगाते हैं. यह आमतौर पर इंटरेस्ट रेट के 0.5 और 1.5% के बीच होता है. हालांकि, कुछ बैंक इमरजेंसी की कंडीशन में जुर्माना माफ कर देते हैं और तब भी पेनल्टी माफ हो जाती है, जब आप उसी राशि को किसी अन्य बैंक द्वारा प्रोवाइडेड इन्वेस्टमेंट में निवेश करना चुनते हैं.

2. इंटरेस्ट लॉस

इंटरेस्ट रिटर्न वह होता है जो आपको बैंक से समय-समय पर प्राप्त होता है. अपनी FD को समय से पहले तुड़वाने पर आप उस इंटरेस्ट रिटर्न को खो देते हैं, जो कि अवधि पूरी होने पर मिलना होता है. जिसके कारण आपको फाइनेंशियल नुकसान हो सकता है. एक उदहारण से समझते हैं:

एक निवेशक जिसने तीन साल के लिए 8% सालाना की कमाई वाली FD में एक विशेष राशि डाली है. यदि निवेशक एक वर्ष के बाद समय से पहले अपनी FD तुड़वा देता है, तो उसे भुगतान की जाने वाली ब्याज दर 6-7% सालाना हो सकती है, जो 8% सालाना होनी चाहिए थी. इसीलिए जब तक जरुरी न हो, फिक्स्ड डिपॉजिट को समय से पहले तुड़वाने से बचना चाहिए.

3. इन्वेस्टमेंट ग्रोथ में कमी

समय के साथ प्रत्येक फिक्स्ड डिपॉजिट एक अच्छा-खासा फंड तैयार करता है. आपके फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि जितनी लंबी होगी, उतना ही अधिक फंड होता जाएगा. एक बार जब आपकी इनिशियल इन्वेस्टमेंट वैल्यू बढ़ जाती है, तो आप इसका उपयोग छुट्टियों के लिए या एसेट एक्वीजीशन के लिए कर सकते हैं. दूसरी ओर अपनी जमा राशि को जल्दी वापस लेने से इसकी ग्रोथ में रुकावट आती है और केवल जमा की गयी राशि ही वापस मिलती है.

4. वित्तीय अनिश्चितता

यदि आप रिटायर्ड हो चुके हैं और अधिक रिटर्न अर्जित करने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश किया है, तो जल्दी निकासी एक बड़ी चिंता पैदा कर सकती है. आप पैसों की होने वाली ग्रोथ से वंचित रह जायेंगे, जिसके चलते बिलों के भुगतान और अन्य बढ़ती महंगाई आपके लिए चिंता का विषय बन जाएंगी. FD तुड़वाने से अच्छा FD पर लोन लेना एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

5. लंबा प्रोसेस

अन्य लेन-देन की तरह अगर आप मैच्योरिटी से पहले FD को भी तुड़वा रहे हैं, तो इसके लिए आपको कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती हैं. इन प्रक्रियाओं में फॉर्म्स को पूरा करना और विभिन्न प्रकार के दस्तावेज जमा करना शामिल है. तभी आपको अपने निवेश का रिफंड मिलेगा. हालांकि, ऑनलाइन सुविधा होने से आपको कुछ राहत जरूर मिल सकती है.

इन बातों का रखें ध्यान

-अपनी FD से संबंधित नियमों और शर्तों को पहले ध्यान से समझ लें.
– आप अपनी FD को तुड़वाने के बजाय फाइनेंस करने के लिए एक विकल्प की तलाश कर सकते हैं.
– आप एफडी के बदले लोन लेने पर भी विचार कर सकते हैं.
– एक्सपर्ट्स के द्वारा हमेशा यह सलाह दी जाती है कि फाइनेंशियल एसेट्स जैसे म्यूचुअल फंड और शेयरों में आपको एक बैकअप रखना चाहिए, ताकि इमरजेंसी के समय आपकी पैसों की जरूरत यहां से पूरी हो सके.

मैच्योरिटी से पहले FD तुड़वाने के कई नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं. इस प्रकार आपको अपनी FD को समाप्त करने के अपने निर्णय को अंतिम रूप देने से पहले इन बातों पर ध्यान जरूर देना चाहिए.

Published - August 25, 2021, 04:42 IST