EMI: कोविड -19 ने कई लोगों की फाइनेंशियल कंडीशन को बुरी तरह से प्रभावित किया है. कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने इस महामारी में अपनी नौकरी खो दी है या वेतन में कटौती का सामना कर रहे हैं. ऐसे में अगर इन लोगों के पास होम लोन, कार लोन या कोई अन्य लोन चल रहा चल रहा होगा तो वे बेशक अपनी मासिक किश्त को चुकाने में चूक गए होंगे. अगर आप भी ऐसी ही स्थिति का सामना कर रहे हैं, तो BankBazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी के टिप्स आपके काम आ सकते हैं. उन्होंने मनी 9 पर लोगों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए.
सवाल: मेरे दोस्त का एक प्राइवेट बैंक में होम लोन चल रहा है. वह पिछले 12 से 15 महीनो से अपनी EMI भरने में असफल रहा है. बैंक ने अब उसे नोटिस भेजा है. मेरा दोस्त मामले को सुलझाना चाहता है.
उसके लिए उसे क्या करना होगा? वह अपनी EMI या लोन ली गई राशि का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है.
– अदिति पाठक
आदिल शेट्टी: होम लोन एक सिक्योरिटी डेब्ट है. संक्षेप में में कहें तो लेंडर(लोन देने वाला) के पास उस दिन तक संपत्ति का अधिकार होता है जब तक कि कर्ज पूरी तरह से चूका नहीं दिया जाता है.
ऐसे में लोन लेने वाला व्यक्ति अगर लगातार 90 दिनों तक अपनी बकाया राशि का भुगतान करने में विफल रहता है तो लोन डिफ़ॉल्ट हो जाता है.
लेंडर को मंथली इंटरवल्स पर नोटिस के माध्यम से छूटे हुए भुगतान के बारे में उधारकर्ता को याद दिलाने का अधिकार है. लेंडर द्वारा संपत्ति की जब्ती से बचने के लिए उधारकर्ता को नोटिस देना होता है साथ ही साथ जरूरी भुगतान भी करना होता है.
आपका मित्र किसी अन्य संपत्ति की लिक्विडेटिंग के जरिये अपने लोन को फिर से रेग्यूलराइस करा सकता है. इस बीच वह भुगतान को आसान बनाने के लिए म्यूच्युअल रूप से सहमत शर्तों पर लेंडर के साथ भी काम कर सकता है.
क्योंकि भुगतान में हुई देरी से आपके मित्र के स्कोर को पहले ही नुकसान पहुंच चुका होगा. ऐसे में भविष्य में लोन मिलना भी मुश्किल होगा.
अगर उधारकर्ता के द्वारा डिफ़ॉल्ट के लिए लेंडर को एक वैलिड एक्सप्लनेशन दिया जाता है. तो लेंडर उधारकर्ता की EMI फिर से शुरू करने के लिए अधिक समय दे सकता है. रिस्ट्रक्चरिंग ऑप्शन में ब्याज दर और लोन अवधि शामिल हो सकते हैं.
आपका दोस्त बैंक से वन टाइम सेटलमेंट के बारे में भी पूछ सकता है. प्रिंसिपल और इंटरेस्ट की छूट के बाद बकाया राशि के प्रतिशत को चुकाने के लिए लेंडर को वन टाइम पेमेंट का विकल्प भी अपना सकता है जहां यह विकल्प लोन से निपटने में मदद करेगा, वहीं यह उसके क्रेडिट स्कोर को भी कम नुकसान पहुंचाएगा.
अगर 12 महीनों के लिए बकाया रहता है तो तो उधारदाताओं को फाइनेंशियल एसेट के सिक्योरटाइज और रिकंस्ट्रक्शन सहित सुरक्षा ब्याज (सरफेसी) अधिनियम के प्रवर्तन के प्रावधानों के तहत संपत्ति पर कब्जा करने का अधिकार है.
यह ध्यान रखना जरुरी है कि जिन उधारकर्ताओं ने ख़र्च को चुकाने में देरी की है. लेंडर पास डिफ़ॉल्ट पर अपने हितों की रक्षा करने के कुछ बुनियादी अधिकार भी हैं.
इसमें सबसे पहले लेंडर आपके मित्र को पर्याप्त नोटिस देने के बाद ही उसकी संपत्ति को जब्त करने या नीलाम करने जैसी कार्रवाई कर सकता है.
अगर बकाया भुगतान नहीं किया जाता है और आपका मित्र अपनी बकाया राशि को चुकाने के लिए धन जुटाने में सक्षम नहीं है तो लेंडर के पास बकाया राशि की वसूली के लिए संपत्ति की नीलामी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है.
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान लेंडर से आपके मित्र के साथ सम्मान और सम्मान के साथ व्यवहार करने की अपेक्षा की जाती है. उत्पीड़न की स्थिति में आपका मित्र सुरक्षा मांगने का हकदार भी रखता है.