प्रॉपर्टी खरीदने से पहले जान लीजिये Pre-EMI vs Full-EMI के बारे में

EMI: प्री-EMI में सिर्फ डिस्बर्समेंट एमाउंट पे आपको सिंपल इंटरेस्ट चुकाना है. जबकि Full-EMI में प्रिंसिपल और इंटरेस्ट दोनों शामिल होते हैं.

  • Team Money9
  • Updated Date - November 12, 2021, 02:43 IST
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Pre-EMI और EMI के बीच का डिफरंस कहीं इंवेस्ट कर होम लोन के ब्याज से ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं

Pre-EMI और EMI के बीच का डिफरंस कहीं इंवेस्ट कर होम लोन के ब्याज से ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं

जब भी आप कोई अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में इंवेस्ट करना चाहते हैं और उसके लिए होम लोन लेना चाहते हैं तो बैंक दो प्शन देते हैं. एक Pre-EMI और दूसरा Full-EMI. Pre-EMI का ऑप्शन क्या होता है, वो कैसे Full-EMI से अलग होता है.  आपको Pre-EMI का विकल्प लेना चाहिए या नहीं. लेना हो तो क्यूं लेना चाहिए ये सारी चीजे आज हम आपको यहां बताने जा रहे हैं.

क्या है Full-EMI

EMI यानी इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट. इसमें प्रिंसिपल और इंटरेस्ट दोनों का समावेश होता है. जब बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से बिल्डर को पूरा लोन डिस्बर्स यानी लोन की पूरा एमाउंट मिल जाता है तब  EMI शुरू होता है.

इसको उदाहरण से समझते हैं. मान लो आपने कोई मकान के लिए 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है. अब इसके कंस्ट्रक्शन पूरा होने पर यानी आपको पजेशन मिलने के बाद जो  EMI स्टार्ट होगी वो फुल  EMI होगी. इसमें प्रिंसिपल और इंटरेस्ट दोनों शामिल होगा.

क्या है Pre-EMI

जब भी को अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में जब तक आपको पजेशन नहीं मिलता है तब तक आप जो  EMI चुकाते हैं उसको प्री- EMI कहते हैं.

मान लो आपने कोई फ्लैट के लिए 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है और शुरू के दो या तीन साल जब तक कंस्ट्रक्शन चालू है तब तक बैंक बिल्डर को पूरा पेमेंट नहीं करेगा. जैसे जैसे कंस्ट्रक्शन होता जाएगा बैंक बिल्डर को पैसे देती रहेगी.

इस दौरान आप बिल्डर को  EMI के जरिये पार्शियल पेमेंट करते हैं. उसमें सिर्फ इंटरेस्ट शामिल होता है.

Pre-EMI कैसे कैलकुलेट करें

Pre-EMI में हंमेशा सिम्पल इंटरेस्ट लगता है. मान लो आपने 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है, लेकिन उसका पहला डिस्बर्समेंट 5 लाख रुपये है और इंटरेस्ट रेट 7.5% है. यानी पजेशन मिलने से पहले बिल्डर को पहली किस्त के तौर पर 5 लाख रुपये मिले हैं.

अब 5 लाख का 7.5% हो जाता है 37,500 रुपये. इसको 12 माह  से भाग करने से माह का  EMI आता है 3125 रुपये. अब मान लो छह माह के बाद बिल्डर को फिर से 5 लाख रुपये का पेमेंट किया तो अब इस में 3125 रुपये एड हो जाएंगे.

यानी अब  EMI हो गया 6250 रुपये इस तरह से जैसे जैसे बिल्डर को बैंक पेमेंट करेगा आपका  EMI बढता जाएगा.

दोनों में क्या है अंतर

प्री-एमआइए में सिर्फ डिस्बर्समेंट एमाउंट पे आपको सिंपल इंटरेस्ट चुकाना है. जबकि Full-EMI में प्रिंसिपल और इंटरेस्ट दोनो शामिल होते हैं.

Pre-EMI बिल्डर के पहला पेमेंट डिस्बर्समेंट हुआ तब से स्टार्ट हो जाता है जबकी Post EMI पजेशन मिलने के बाद से स्टार्ट होता है.

Pre-EMI में प्रिंसिपल एमाउंट कम नहीं होता है जबकि Full-EMI में प्रिंसिपल एमाउंट रीड्यूस यानी कम होता जाता है.

Pre-EMI किसके लिए अच्छा

अगर आप किराए के मकान में रहते हैं तो आपके लिए अच्छा है क्योंकि शुरू में आपकी  EMI कम रहती है
आपका इरादा इंवेस्टमेंट का है और पजेशन मिलने के बाद आप प्रॉपर्टी को बेचना चाहते हैं, तो ये अच्छा ऑप्शन है.

Pre-EMI और EMI के बीच का डिफरंस कहीं इंवेस्ट कर होम लोन के ब्याज से ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं

Full-EMI किसके लिए अच्छा

अगर आप अफोर्ड कर सकते हैं तो ये ऑप्शन आपके लिए बेस्ट है क्योंकि आप लोन जल्‍द से जल्‍द भरना चाहेंगे.
बिल्डर कंस्ट्रक्शन में देरी करता है तो उस केस में Full-EMI ही सही विकल्प है क्योंकी इस केस में इंटरेस्ट ज्यादा चुकाना पड़ेगा.

अगर आप होम लोन से ज्यादा रिटर्न नहीं निकाल सकते तो Full-EMI का ऑप्शन ही चुनें.

Published - November 12, 2021, 02:43 IST